ग्वालियर
मध्य प्रदेश में एक बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां पत्नी के चरित्र पर पति को शक था. इसके समाधान के लिए पत्नी को कैरेक्टर टेस्ट से गुजरना पड़ा. यह वाकया है ग्वालियर का , जहां पत्नी को कोर्ट के आदेश पर डीएनए टेस्ट कराना पड़ा.
दरअसल ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में एक पति ने अपनी पत्नी से तलाक की अर्जी लगाई थी, लेकिन जब जज को इसकी वजह पता चली तो वह हैरान रह गए. पति ने तलाक लेने के पीछे तीसरी संतान को वजह बताते हुए कहा कि पत्नी करीब एक साल से उससे अलग दूसरे शहर में रह रही है. ऐसे में यह संतान उसकी हो ही नहीं सकती.
कोर्ट में जब पत्नी को बुलाया गया तो उसने अपने पति के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि यह संतान उसे पति से ही मिली है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीसरी संतान और पति दोनों के डीएनए टेस्ट कराने के निर्देश दिए थे. अब डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आते ही पत्नी का दावा सही और पति के आरोप झूठे साबित हुए.
डीएनए टेस्ट से साफ हो गया कि महिला की तीसरी संतान उसके पति से ही है. हालांकि पीड़िता के वकील की मानें तो पत्नी को अभी भी उसका हक नहीं मिला है क्योंकि डीएनए टेस्ट की परीक्षा पास करने के बावजूद पति उसे अपने साथ रखने को राजी नहीं है. दोनों पक्षों में समझौते की कोशिश जारी है.