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BSNL-MTNL में छंटनी नहीं, सैलरी भी टाइम पर!

नई दिल्ली
वित्तीय संकट से जूझ रही सरकारी टेलिकॉम कंपनियों ‌BSNL और MTNL में छंटनी नहीं होगी और इनके कर्मचारियों को समय पर सैलरी मिलेगी। सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने दोनों कंपनियों के लिए वित्तीय पैकेज की मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकार ‌BSNL और MTNL को 34,000 करोड़ रुपये देगी। इस फंड से दोनों के कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन का भुगतान किया जाएगा। इस रकम का इस्तेमाल वे कर्ज चुकाने के साथ बिजनस बढ़ाने के लिए भी कर पाएंगी।

कुछ शर्तों के साथ मिलेगी मदद
सूत्रों के अनुसार, इन दोनों कंपनियों के लिए वित्तीय पैकेज को गुरुवार को वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दी। टेलिकॉम क्षेत्र की इन कंपनियों को वित्तीय मदद कुछ शर्तों के साथ दी जाएगी। ‌BSNL और MTNL को भविष्य का रोडमैप तैयार करना होगा। दोनों को अपने ऐडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम को मजबूत करना होगा, जिससे वे मार्केट की मांग के मुताबिक खुद को बदल सकें। उन्हें बाजार में नए प्रॉडक्ट्स भी लॉन्च करने होंगे। दोनों कंपनियों की कैश के अलावा अन्य तरीकों से भी मदद की जाएगी।

बॉन्ड्स के लिए सरकार देगी गारंटी
इनके 12,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स के लिए सरकार गारंटी देगी। इससे वे बाजार से फंड जुटा पाएंगी। दोनों कंपनियों का सीनियर मैनेजमेंट और सरकार के प्रतिनिधि मिलकर अन्य सोर्सेज से फंड हासिल करने की योजना को अंतिम रूप देंगे। दोनों के बेकार पड़े ऐसेट्स को बेचकर भी फंड जुटाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर दोनों की इक्विटी भी सरकार खरीद सकती है।

आमदनी का लगभग 90 पर्सेंट सैलरी पर खर्च
‌BSNL और MTNL के रिवाइल प्लान को पहले वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया था। उसके बाद कंपनियों ने नया प्लान पेश किया था, जिसे वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। BSNL पर लगभग 14,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी में 1.76 लाख कर्मचारी काम करते हैं। MTNL पर 19,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और इसके कर्मचारियों की संख्या करीब 22,000 है। कंपनी अपनी आमदनी का लगभग 90 पर्सेंट सैलरी देने पर खर्च करती है। इन दोनों कंपनियों को लेकर आईटी और वित्त मंत्रालय के बीच लगातार बातचीत चल रही थी। दोनों के रिवाइवल पर विचार के लिए सचिवों का एक ग्रुप भी बनाया गया था।

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