लखनऊ
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में हुई बच्चों की आकस्मिक मृत्यु की घटना के संबंध में गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव रजनीश दुबे ने लोकभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को शासन की तरफ से कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है। डॉ. कफील अहमद खान द्वारा मीडिया माध्यमों और सोशल मीडिया पर जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों की स्वैच्छिक व भ्रामक व्याख्या करते हुए खबरें प्रकाशित कराई जा रही हैं।
प्रमुख सचिव ने विभिन्न मीडिया संस्थानों एवं सोशल मीडिया में डॉ. कफील द्वारा खुद को जांच में दोषमुक्त बताए जाने के दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में घटित घटना में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के बाद डॉ. कफील के विरुद्ध 4 मामलों में विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। डॉ. कफील के विरुद्ध सरकारी सेवा में सीनियर रेजिडेंट व नियमित प्रवक्ता के सरकारी पद पर रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने व निजी नर्सिंग होम का संचालन करने का आरोप साबित हो गया। इस पर निर्णय लिए जाने की कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। अन्य 2 आरोपों पर अभी शासन द्वारा अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।