शाहजहांपुर
बहुचर्चित चिमन्यानंद केस में दोनों पक्षों की जमानत पर आज सुनवाई सेशन कोर्ट में होगी। चिन्मयानंद और छात्रा को जमानत दिलाने के लिए उनके वकीलों ने खासी तैयारी की है। तमाम दस्तावेजों को जुटाया गया है, वकील तमाम तर्क देकर जमानत के लिए पूरा जोर लगाएंगे।
बताया जाता है कि दोनों पक्षों से बहस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को बुलाया गया है, हालांकि अब तक उनकी पैरवी शाहजहांपुर के वकीलों ने की है। चर्चा है कि दोनों पक्षों की ओर से पैरवी का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट की महिला वकीलों को सौंपा गया है। दोनों की जमानत पर होने वाली सुनवाई को लेकर पूरे देश की मीडिया और राजनीतिक पार्टियों की नजर शाहजहांपुर कोर्ट पर रहेगी। जमानत होती है या नहीं, तो सोमवार शाम को ही पता लग सकेगा। पर दोनों ओर से वकीलों को यह उम्मीद है कि जो धाराएं लगी हैं, उसमें जमानत संभव है, वह अपने तर्क तो रखेंगे ही साथ ही तमाम मिसालें भी पेश की जाएंगी, ताकि दोनों पक्षों के वकील अपने पक्षकारों की जमानत करा सकें।
पीड़ित छात्रा के लिए शाहजहांपुर से लखनऊ तक कांग्रेस निकालेगी 'न्याय यात्रा'
पीड़ित छात्रा को इंसाफ दिलाने के लिए कांग्रेस सोमवार को शाहजहांपुर से लखनऊ तक न्याय यात्रा पर निकलेगी। यह जानकारी देते हुए पार्टी विधानमंडल दल की उपनेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने पत्रकारों को बताया कि पीड़िता के पिता हरीश चन्द्र शर्मा ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पत्र लिख कर मदद मांगी है। उन्होंने आरोपी चिन्मयानंद के खिलाफ आपराधिक मुकदमा धारा-376 का दर्ज करा कर कठोर कार्यवाही कराने की बात कही है।
आराधना मिश्रा ने आरोप लगाया कि बलात्कार के आरोपी भाजपा के पूर्व केन्द्रीय मंत्री चिन्मयानंद की प्रदेश सरकार पूरी मदद कर रही है। पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाए उसके विरुद्ध ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए क्रास केस कर उसे गिरफ्तार करा दिया गया ताकि मुकदमें को कमजोर किया जा सके। सरकार उस व्यक्ति को बचाने में पूरी ताकत लगा रही है जिसके ऊपर पहले भी वर्ष 2011 में बलात्कार का मुकदमा दर्ज हो चुका है।
ये हैं कांग्रेस की मांग-
आरोपी चिन्मयानंद के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा तत्काल दर्ज किया जाए।
रेप पीड़िता को तुरन्त जेल से रिहा किया जाए।
पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार सुनिश्चित करे।
मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए ताकि तत्काल प्रभाव से आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो।