नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों और पत्थरबाजी को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान से फंड लेने के आरोप में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ केंद्र सरकार अपना शिकंजा और तेज कसने जा रही है। होम मिनिस्ट्री 2010 से 2016 के बीच जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन यासीन मलिक, दुख्तरान-ए-मिल्लत की चीफ आसिया अंद्राबी और ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के जनरल सेक्रटरी मसरत आलम के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) ऐक्ट के तहत मुकदमा चलाने की इजाजत नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को देने जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि तीनों को अप्रैल में गिरफ्तार करने वाली एनआईए होम मिनिस्ट्री की मंजूरी मिलने के बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते में इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर सकती है, जिसमें पाकिस्तान के जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद का नाम भी हो सकता है। संविधान के अनुच्छेद 370 के जरिए जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा 5 अगस्त को वापस ले लिए जाने और राज्य को दो यूनियन टेरिटरी में बांटे जाने के बाद सरकार की तरफ से यह कदम उठाया जा रहा है। अलगाववादी नेताओं सहित जम्मू-कश्मीर की पॉलिटिकल लीडरशिप को जेल में डाल दिया गया है या फिर अलग-अलग जगहों पर नजरबंद कर दिया गया है।
अभी तिहाड़ में हैं मलिक, अंद्राबी और शब्बीर शाह
दूसरे दर्जे के राजनीतिज्ञों को राज्य से बाहर रखा गया है जिनमें मलिक, अंद्राबी, आलम और शब्बीर शाह को दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद किया गया है। UAPA के सेक्शन 45 के तहत मुकदमा चलाने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट की मंजूरी जरूरी है और उसे मंजूरी देने से पहले प्रपोजल पर अथॉरिटी की रिपोर्ट देखनी होती है। इस मामले में एनआईए के प्रस्ताव की जांच दो सदस्यों वाली अथॉरिटी करेगी।
अगले हफ्ते मिल सकती है मंजूरी
सूत्रों ने बताया कि एनआईए को अगले हफ्ते चार्जशीट दाखिल करने के लिए मंजूरी मिल सकती है। ऐसा नहीं होने पर अलगाववादी नेता जमानत पर अपनी रिहाई की मांग कर सकेंगे। एनआईए ने पिछले साल दाखिल पहली चार्जशीट में हुर्रियत के पूर्व चीफ के दामाद अल्ताफ फंटूश, कश्मीरी कारोबारी जहूर अहमद शाह वटाली, नईम खान, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद बट उर्फ पीर सैफुल्ला, आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद उल इस्लाम, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, मोहम्मद अकबर खांडे उर्फ अयाज अकबर और जावेद अहम बट वगैरह को नामजद किया था।