नई दिल्ली
विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप की सबसे सफल मुक्केबाज एमसी मेरी कॉम ने कहा कि 9वीं बार इस शीर्ष प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले वह ‘नर्वस’ हैं। ऐसा प्रतिस्पर्धा के कारण नहीं, बल्कि स्वदेश में लगाई जा रही उम्मीदों की वजह से है। मेरी कॉम ने अब जिन आठ विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया है, उनमें उन्होंने छह गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता है। उन्होंने पिछली बार 2018 में दिल्ली में विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था।
आंकड़ों में तो वह इस प्रतियोगिता की सबसे सफल मुक्केबाज हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) से ‘मैग्निफिसेंट मेरी’ का तमगा भी मिला है। रूस के उलान उदे में तीन से 13 अक्टूबर के बीच होने वाली विश्व चैंपियनशिप से पहले मेरी कॉम ने कहा, ‘मैं हमेशा कहती हूं कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगी, लेकिन मेडल की गारंटी नहीं दे सकती। मैं खुद से ही यही कहती हूं लेकिन दबाव हमेशा बना रहता है और इससे उबरने को लेकर दबाव बना रहता है। इससे आप नर्वस हो सकते हो।’
मेरी कॉम और अन्य भारतीय मुक्केबाज रविवार की सुबह रूस रवाना होंगे। उन्होंने कहा, ‘विश्व चैंपियनशिप मेरे लिए जाना पहचाना मंच है, लेकिन प्रतिस्पर्धा हमेशा नई होती है। मैं इसके लिए तैयार हूं।’ मेरी कॉम का 48 किग्रा में दबदबा रहा है। उन्होंने 2012 में लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2014 में एशियाई खेलों में गोल्ड इसी भार वर्ग में जीता था, लेकिन उनका कोई भी विश्व खिताब 51 किग्रा में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैंने दोनों भार वर्गों (48 और 51 किग्रा) में अच्छे परिणाम हासिल किये लेकिन दमखम हमेशा चुनौती रहती है। आगामी विश्व चैंपियनशिप के लिये भी मेरा इसी पर ध्यान है और मैं इसके लिये तैयार हूं। यह मेरे लिये नया भार वर्ग नहीं है लेकिन मैं फिर से दोहराना चाहूंगी कि परिणाम की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है।’ मेरी कॉम ने कहा, ‘मैं केवल अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं और अगर मैं इसमें सफल रही तो गोल्ड मेडल जीतना मुश्किल नहीं है।’