नई दिल्ली
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने मंगलवार (24 सितंबर) को यहां खेले गए पहले टी-20 मैच में दक्षिण अफ्रीका को 11 रनों से हराकर तीन मैचों की टी-20 सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट पर 130 रन का स्कोर बनाया और फिर दक्षिण अफ्रीकी टीम को एक गेंद शेष रहते 119 रन पर ऑल आउट कर दिया। इस मैच में भारत की तरफ से शेफाली वर्मा ने इंटरनेशनल डेब्यू किया और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ दिया है।
शेफाली वर्मा ने भले ही सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ा हो, लेकिन उनका यह इंटरनेशनल डेब्यू यादगार नहीं बन पाया। शेफाली वर्मा ने सबसे कम उम्र में इंटरनेशनल टी-20 क्रिकेट में डेब्यू किया, लेकिन वह अपने पहले ही मैच में खाता नहीं खोल पाई। भारत की तरफ से टी-20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे कम उम्र (15 साल 239 दिन) में पदार्पण करने वाली शेफाली वर्मा खाता खोले बिना ही पवेलियन लौट गई।
इस डेब्यू के साथ ही शेफाली भारत की पहली क्रिकेट खिलाड़ी बन गईं, जिन्होंने सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट में डेब्यू किया है। वहीं, इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में वह दूसरे नंबर पर हैं। शेफाली से पहले भारत की तरफ से सबसे कम उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाली खिलाड़ी गार्गी बनर्जी हैं।
गार्गी ने 1978 में 14 साल 165 दिन की उम्र में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था। वहीं, सचिन तेंदुलकर ने 30 साल पहले 16 साल 238 दिन की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज किया था। शेफाली सचिन को अपना आदर्श भी मानती हैं और उन्हें देखकर ही उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था।
पांच साल पहले 2014 में आंखों में चमक लिए शेफाली वर्मा लाहली के मैदान पर अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर की झलक पाने के लिए दर्शकों के बीच शामिल थीं और इस लम्हें ने ही तब उस 10 साल की लड़की को इस खेल से जुड़ने के लिए प्रेरित किया था। शेफाली ने कहा था, ‘जितने लोग सचिन सर को अंदर देखने के लिए खड़े थे उतने ही बाहर थे। तभी मैंने महसूस किया कि भारत में क्रिकेटर बनना कितनी बड़ी बात है विशेषकर तब जब आप सचिन सर जैसे पूजनीय हों।’ उन्होंने कहा था, ‘मैं उस दिन को कभी नहीं भूल सकती। मेरी क्रिकेट यात्रा की शुरुआत वहीं से हुई।’
दक्षिण अफ्रीका सीरीज के लिए भारत की महिला टी-20 टीम में शामिल की गईं 15 साल की शेफाली वर्मा ने कहा था कि जब उन्होंने पहली बार बल्ला पकड़ा था, तभी से वह राष्ट्रीय टीम के लिए खेलना चाहती थीं। शेफाली को अनुभवी खिलाड़ी मिताली राज के टी-20 में संन्यास लेने के बाद से टीम में मौका मिला है।
इस युवा खिलाड़ी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब उन्होंने खेलना शुरू किया था तो एक लड़की होने के नाते लोगों ने काफी कुछ कहा था, क्योंकि भारत में खेल आमतौर पर लड़के खेलते हैं। शेफाली ने कहा, "मैंने जब खेलना शुरू किया था तब मेरे पिता से लोगबाग कुछ न कुछ बोलते थे। मेरे पिता ने हालांकि उनकी बातें सुनी नहीं और मुझे खेलने दिया।"
उन्होंने कहा, "मेरे पिता ने शुरुआत में मुझे ट्रेनिंग दी। यह मेरा और मेरे पिता दोनों का सपना था कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए खेलूं।" रोहतक की रहने वाली शेफाली ने आयु सूमह में और महिला टी-20 चैलेंज में अच्छा खेलने का लाभ मिला है। शेफाली ने अपने घरेलू राज्य हरियाणा के लिए तीन सीजन खेले हैं और इसी दौरान वह अपनी सलामी बल्लेबाजी से लोगों की नजर में आईं।