कई पैरेंट्स की एक आइडल फैमिली को लेकर हम दो और हमारे दो की परिकल्पना होती है। इसलिए कई कपल्स सोच समझकर अपनी फैमिली प्लान करते हैं। कई बार महिलाओं को परिवार शुरु करने में पहली बार कंसीव करने में दिक्कत नहीं आती लेकिन कई बार दूसरी बार कंसीव करने में कई समस्या आती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। दूसरी बार प्रेगनेंट होने में आने वाली दिक्कत को वैसे 'सेंकेडरी इनफर्टिलिटी' कहा जाता है। आइए जानते है कि सेंकेडरी इनफर्टिलिटी क्या होती है और इसके क्या कारण हैं?
सेंकेडरी इनफर्टिलिटी
सेंकेडरी इनफर्टिलिटी में महिलाओं को कंसीव यानी गर्भधारण करने में बहुत मुश्किल होती है। और अगर महिलाएं प्रेगनेंट हो जाए तो उन्हें डिलीवरी या स्टिल बर्थ की समस्या हो जाती हैं। अगर आपकी उम्र 35 साल से ऊपर है, आप एक बार मां बन चुकी हैं, और आप छह महीने से लेकर एक साल तक लगातार कोशिश करने के बाद भी प्रेगनेंट नहीं हो रहीं तो मतलब आपको ‘सेकेंडरी इनफर्टिलिटी' है।
इसके पीछे कुछ वजहें हैं-
उम्र
उम्र के साथ फर्टिलिटी यानी बच्चा पैदा कर पाने की क्षमता कम हो जाती है। 40 साल तक होते-होते 35 फ़ीसदी चांसेस घाट जाते हैं।
हॉर्मोन्स
हॉर्मोन्स की अनियमिताओं की वजह से भी दोबारा प्रेग्नेंसी में दिक्कत होती है। इनकी वजह से थाईरॉयड या पीसीओडी भी हो सकता है।
एंडोमेट्रियोसिस
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी समस्या है जिसमें गर्भाशय के अंदर पाया जाने वाला टिश्यू बढ़कर गर्भाशय के बाहर फैलने लगता है। इसकी वजह से पीरियड्स के दौरान काफी दर्द भी रहता है।
गर्भाशय में स्कारिंग
कभी-कभी सर्जरी की वजह से गर्भाशय को भी नुकसान पहुंच जाता है. इसकी वजह से भले ही अंडा स्पर्म से मिल भी जाए, तो भी वो गर्भाशय की अंदरूनी परत पर जाकर नहीं चिपकता है।
एबॉर्शन
एक बार एबॉर्शन हो जाए तो उसके बाद भी प्रेगनेंट होने में दिक्कत होती है।
जाने इसका इलाज
अगर आप और आपके पार्टनर दोनों दूसरा बच्चा प्लान कर रहे हैं तो सबसे पहले एक फर्टिलिटी मैप प्लान करें। अगर छह महीनें की प्लानिंग के बाद भी कोई रिजल्ट नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर्स से मिलें। डॉक्टर ऐसे कैसेज में फैलोपियन ट्यूब चेक करते हैं। इसके बाद फैलोपियन ट्यूब के कंडीशन पर इलाज शुरु किया जाता है।