नई दिल्ली
जिन महिलाओं ने आध्यात्मिकता की राह चुनी और जिनके पास परिवार व आय का स्रोत नहीं है, वे दुनिया में सबसे खुशहाल हैं। आरएसएस से जुड़े संगठन 'दृष्टि' के हालिया अध्ययन में यह दावा किया गया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार को 'दृष्टि' की अध्ययन रिपोर्ट जारी करेंगे।
संगठन से जुड़ी अंजलि देशपांडे ने बताया कि जिनके पास परिवार, आय नहीं थी और जो आध्यामिकता में लीन थीं, उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक महिलाएं काफी खुश और सुखी पाई गईं। सबसे कम खुश वे महिलाएं मिलीं, जिनकी पारिवारिक आय दस हजार रुपये से कम है।
यह अध्ययन 29 राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों के 465 जिलों में किया गया। इसमें 18 साल से अधिक उम्र की सभी धर्मों की 43255 महिलाएं शामिल हुईं। केवल छह हजार महिलाओं ने आध्यात्मिकता का रास्ता चुना।
अध्ययन के मुताबिक रोजगार के लिहाज से देखें तो ईसाई महिलाएं सबसे आगे हैं। उसके बाद हिंदू, बौद्ध, मुस्लिम और जैन महिलाओं का नंबर आता है। जाति की बात करें तो एसटी समुदाय से आने वाली महिलाओं में रोजगार दर सबसे अधिक रही और सामान्य श्रेणी से आने वाली महिलाओं में सबसे कम।
शादीशुदा महिलाओं में खुशी का स्तर काफी अधिक पाया गया, जबकि लिव-इन में रह रहीं महिलाओं में यह सबसे नीचे मिला।संघ प्रमुख भागवत आज 'दृष्टि' की यह अध्ययन रिपोर्ट जारी करेंगे।