यरुशलम
इजरायल आम चुनाव के बाद वहां अरब के रूप में एक नई राजनीतिक ताकत का उदय हुआ है। आने वाले समय में इजरायल का कोई अरब नेता अगर हर महीने वहां की खुफिया एजेंसी मोसाद की मीटिंग ले, वहां के दौरे पर आने वाले सभी विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ बैठक करे तो कोई हैरानी नहीं होगी। पहली बार कोई अरब नेता इजरायली संसद में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में दिख सकता है। सत्ता में कौन आएगा इसे लेकर अनिश्चितता है लेकिन इतना तय है कि इजरायल के अल्पसंख्यक अरब पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की सत्ता पर पकड़ को कमजोर करेंगे।
5 महीने में दूसरी बार चुनाव, और कमजोर हुए नेतन्याहू
इजरायल में आम चुनाव के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई थी। करीब 97 प्रतिशत वोटों की गिनती हो चुकी है। 120 सीटों वाली इजरायली संसद के चुनाव में बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड को 31, बेनी गैंट्ज की ब्लू ऐंड वाइट पार्टी को 33 और अरब पार्टी जॉइंट लिस्ट को 13 सीटें मिली हैं। बाकियों के हिस्से में 41 सीटें आई हैं। इससे पहले, अप्रैल में हुए आम चुनाव में लिकुड और ब्लू ऐंड वाइट दोनों को 35-35 सीटें मिली थीं।
नई ताकत के तौर पर अरब के उभार की वजह
अरब पार्टियों की मजबूती का सबसे बड़ा कारण उनकी एकता रही। इस बार अरब पार्टियों ने जॉइंट लिस्ट के बैनर तले गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा। अप्रैल में हुए पिछले चुनाव में 3 अरब पार्टियों ने मतभेद के चलते अलग-अलग चुनाव लड़ा था। दूसरी सबसे बड़ी वजह नेतन्याहू द्वारा अरब नेताओं को नजरअंदाज कर अपने दक्षिणपंथी आधार को मजबूत करने की अपनाई गई रणनीति रही। यह रणनीति उल्टा पड़ गई और वोटिंग का बहिष्कार करने वाले अरब बड़ी तादाद में मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए घरों से निकले। 5 महीने पहले पिछले चुनाव में जहां अरब वोटरों का टर्नआउट महज 49 प्रतिशत था, इस बार 60 प्रतिशत रहा। इजरायल में अरब वोटरों की तादाद 18 लाख है जो कुल वोटरों का करीब 20 प्रतिशत है।
जॉइंट लिस्ट हो सकती है गेम चेंजर
पिछले चुनाव से भी खराब प्रदर्शन के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने ब्लू ऐंड वाइट पार्टी के बेनी गेट्स से अपील की है कि वह एक व्यापक यूनिटी गवर्नमेंट के गठन के लिए साथ आए। ऐसे में जॉइंट लिस्ट की भूमिका काफी अहम रहने वाली है।
जॉइंट लिस्ट की भूमिका को लेकर यहां 2 तरह की संभावनाएं हैं। पहली यह कि अगर लिकुड और ब्लू ऐंड वाइट मलिकर यूनिटी गवर्नमेंट बनाती हैं तो जॉइंट लिस्ट के नेता अयमान ओदेह इजरायली संसद में नेता प्रतिपक्ष बनने वाले पहले अरब होंगे। दूसरी संभावना यह है कि जॉइंट लिस्ट मध्यमार्गी सरकार को बाहर से समर्थन दे। अरब पार्टियां ऐसा पहले भी कर चुकी हैं, जब 1992 में यिट्जक रैबिन की सरकार को बाहर से समर्थन दिया था।
क्या लिकुड और ब्लू ऐंड वाइट साथ आ सकती हैं?
बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी धुर दक्षिणपंथी मानी जाती है, जबकि बेनी गैंट्ज की ब्लू ऐंड वाइट उदारवादी पार्टी है। फिलिस्तीनियों के साथ बातचीत को लेकर उसके विचार ज्यादा खुले हुए हैं। नेतन्याहू ने गैंट्ज से यूनिटी गवर्नमेंट बनाने में साथ आने की अपील जरूर की है लेकिन ब्लू ऐंड वाइट पार्टी के नेता ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है। हालांकि, गैंट्ज जॉइंट लिस्ट के नेता ओदेह के संपर्क में हैं। दोनों नेता बातचीत के लिए सहमत हो गए हैं। बता दें कि गैंट्ज इजरायली आर्मी के रिटायर्ड जनरल हैं।