बिलासपुर। संसद द्वारा पारित सूचना अधिकार संशोधन अधिनियम 2019 के खिलाफ दायर याचिका को लेकर हाईकोर्ट ने केन्द्र शासन को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
इस संशोधन की वैधानिकता को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के सचिव विवेक बाजपेयी ने चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम मे संशोधन कर केन्द्रीय मुख्य सूचना आयुक्त की शक्तियों को कम कर दिया गया है। उनके अधिकारों में धारा 13, धारा 16 एवं धारा 27 में संशोधन कर कटौती की गई है। अन्य सूचना आयुक्तों की शक्तियों को छीनकर केन्द्र ने उन्हें अपने अधीन कर लिया है। संशोधन के माध्यम से सूचना आयुक्त की नियुक्ति, सेवा अवधि, वेतन सहित अन्य शक्तियों को केंद्र सरकार ने अपने अधीन कर लिया है। पूर्व में सूचना आयुक्त को मुख्य चुनाव आयुक्त के समतुल्य संवैधानिक दर्जा प्राप्त था। इस संशोधन के माध्यम से उसे समाप्त कर दिया गया है। इस संशोधन से सूचना आयुक्त की स्वतंत्रता एवंस्वायत्तता पूरी तरह से खत्म हो गई है। इस याचिका पर गुरुवार को चीफ जस्टिस की डबल बेंच में सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय में अधिवक्ता सुशोभित सिंह, संदीप दुबे व सुदीप श्रीवास्तव के माध्यम से चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने याचिका का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार के विधि विभाग को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।