बेंगलुरु
कर्नाटक के बेंगलुरु में सीनियर सिटिजन्स के लिए एक मीट का आयोजन किया गया। इसमें सत्तर वर्ष से ऊपर की सीनियर सिटिजंस ने हिस्सा लिया। मीट में आई सीनियर सिटिजंस ने हर किसी को तब हैरान कर दिया जब उन्होंने कुछ ही मिनटों में दो सौ मीटर की वॉक पूरी कर ली।
सीनियर सिटिजन की यह मीट वर्ल्ड एल्डर्स डे पर आयोजित की गई थी। अब 1 अक्टूबर को इसका सेलिब्रेशन होगा। 72 साल की ललितम्मा इन सीनियर सिटिजन महिलाओं में से एक थीं। उन्होंने बताया कि वह खुद को फिट रखने के लिए रोज वॉक करती हैं। ललिताम्मा 71 से 80 वर्ष की उम्र वाली सीनियर सिटिजन वॉक में सबसे आगे रहीं। यहां तक की ललिता के फिनिश लाइन पार करने के बाद दूसरे नंबर पर रहीं प्रतिभागी उनसे 50 मीटर दूर रहीं।
ललितम्मा ने बताया कि वह एक कॉलेज में प्रिंसिपल के पद से रिटायर हुई हैं। वह जब यंग थीं तब उन्होंने लॉन्ग रेस में कई मेडल्स और अवॉर्ड जीते हैं। उन्होंने बताया कि वह रोज कम से कम एक घंटे पैदल चलती हैं। उनकी इसी पैदल चलने की आदत ने उन्हें इस मीट का विजेता बनाया।
ललितम्मा से जब उनके परिवार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें जब कोई अज्जी कहता है तो उन्हें अच्छा नहीं लगता खासकर जिसे मैं नहीं जानती। लोग उनसे कहते हैं कि इस उम्र में वह इतनी मेहनत क्यों करती हैं तो उन्हें लगता है कि लोग उन्हें हतोत्साहित कर रहे हैं।
ललितम्मा की तरह की 81 साल की सरोजम्मा ने सौ मीटर की वॉक में विजय हासिल की। उनसे जब वॉक जीतने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मेरी बहू से पूछो जिसने मेरे पैर तोड़कर मुझे लावारिसों की तरह सड़क पर छोड़ दिया और मेरी सारी संपत्ति हड़प ली।' सरोजम्मा ने अपने घुटने में पट्टी बांधकर इस वॉक में हिस्सा लिया।