भोपाल। परिवहन विभाग ने बुधवार को स्कूल बस पॉलिसी लागू करने के अधिसूचना जारी कर दावे-आपत्तियां मंगाई हैं। इसके लिए 18 सितंबर अधिसूचना की तारीख से 15 दिन का समय दिया गया है। इसके बाद स्कूल पॉलिसी को लागू करने पर राज्य सरकार द्वारा राजपत्र जारी किया जाएगा। पॉलिसी में बच्चों की सुरक्षा-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक संस्थाओं,चालक-परिचालक व अभिभावकों की जिम्मेदार तय की गई है।
स्कूल-कॉलेज के विद्यर्थियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए भोपाल सहित प्रदेश में सभी जिलों के स्कूल-कॉलेज में 15 साल से ज्यादा पुरानी बसें,मैजिक,वेन,ऑटो रिक्शा का संचालन नहीं किया जाएगा। साथ ही स्कूल वाहनों को 21 से 60 साल उम्र के ड्राइवर चला सकेंगे। वाहनों की रफ्तार 40 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इतना ही नहीं तीन पहिया स्कूल के वाहन में चालक को छोड़कर छह बच्चों को बैठाया जाएगा। ऐसे चार पहिया वाहन चलाए जाए,जिसमें चालक को छोड़कर 12 सवारियों को बैठक क्षमता हो।
वाहनों शैक्षणिक संस्था के नाम पर पंजीकृत किया जाए, उन्हें ही वाहनों को टैक्स में छूट दी जाएगी। वहीं अभिभावकों को बच्चों को बसों में बैठाने तक ध्यान देना होगा। बसों में बच्चों को उतारने व अभिभावकों को सौंपने तक की जिम्मेदारी परिचालक की होगी। चालक ने नशे व मोबाइल फोन पर बात करते हुए स्कूल गाड़ियों को चलाया तो तय जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन आयुक्त डॉ शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि लागू होने के बाद स्कूल बस पॉलिसी में दिए गए मापदंडों का पालन अनिवार्य रूप से कराना होगा। नियमो का पालन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 8 दिसंबर 2017 के पालन में राज्य सरकार की ओराासे विद्यार्थियों के सुरक्षित परिवहन के लिए शैक्षणिक वाहनों के नियंत्रण एंव विनियमन योजना-2019 नई स्कूल पॉलिसी लागू की जा रही है।