जबलपुर
वेटनरी विश्वविद्यालय (Veterinary University) के पशु चिकित्सक अब लंबी लड़ाई लड़ने के मूड में हैं. स्टायपेंड बढ़ाने, पशु चिकित्सकों को नौकरी देने (Jobs for Veterinary doctors) और निजी कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले 5 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे प्रदेश में वेटनरी के पीजी छात्रों ने अब आमरण अनशन पर जाने की चेतावनी दी है. पशु चिकित्सक प्रदेश में निजी वेटनरी कॉलेज खोलने की अनुमति देने के सरकार के फैसले से नाराज़ हैं.
प्रदेशभर में पशु चिकित्सकों की कमी का हवाला देकर प्रदेश सरकार राज्य में निजी पशु चिकित्सा कॉलेजों को खोलने की तैयारी कर रही है. जल्द ही इंदौर में राज्य का पहला निजी वेटनरी कॉलेज खुलने जा रहा है. जबकि वर्तमान में पशु चिकित्सा का कोर्स पूरा चुके करीब 1600 चिकित्सक बेरोजगार घूम रहे हैं. इस वर्ष भी करीब 800 छात्र परीक्षा पास करने के बाद पशु चिकित्सक बन जाएंगे और वो भी बेरोजगार ही घूमेंगे. छात्रों ने मांग की है कि पहले जो छात्र पढ़ाई पूरी कर चुके हैं उन्हें नौकरी दी जाए और जो पढ़ रहे हैं उन्हें 4600 रूपए से बढ़ाकर 20000 रूपए प्रतिमाह स्टायपेंड दिया जाए.
वेटनरी छात्रों की मांग है कि कृषि आयोग की अनुशंसा के आधार पर प्रदेश में करीब 7 हजार वेटनरी डॉक्टरों की जरूरत है. जबकि इस समय प्रदेश में पशु चिकित्सकों के केवल 1671 पद स्वीकृत हैं. छात्रों ने स्वीकृत पदों को बढ़ाकर 7 हजार करने की मांग की. आंदोलनकारी छात्रों ने रिक्त पदों पर नियमित भर्तियों की भी मांग की.