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 शबाना आजमी के नाम है राष्ट्रीय पुरस्कार का ये खास रिकॉर्ड

 नई दिल्ली 
बॉलीवुड की टैलेंटिड एक्ट्रेस में से एक शबाना आजमी का आज जन्मदिन है। उनकी एक्टिंग ही उन्हें दूसरी अभिनेत्रियों से अलग करती है।  एक अभिनेत्री होने के साथ-साथ शबाना आजमी सामाजिक कार्यों में भी अपना समान योगदान दे रही हैं। शबाना आजमी के जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें।

कलात्मक माहौल में बीता बचपन
शबाना आजमी का जन्म 18 सितंबर, 1950 को मशहूर लेखक और कवि कैफी आजमी के घर हुआ था। उनके एक भाई भी हैं…बाबा आजमी जो एक सिनेमेटोग्राफर हैं। शबाना आजमी का बचपन कलात्मक माहौल में बीता। पिता मशहूर शायर कैफी आजमी और मां रंगमंच अदाकारा शौकत आजमी के सान्निध्य में शबाना आजमी का सुहाना बचपन बीता। मां से विरासत में मिली अभिनय-प्रतिभा को सकारात्मक मोड़ देकर शबाना ने हिन्दी फिल्मों में अपने सफर की शुरुआत की।

श्याम बेनेगल की फिल्म की थी शुरुआत
शबाना आजमी ने 1973 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उनकी पहली फिल्म थी श्याम बेनेगल की 'अंकुर'। 'अंकुर' जैसी आर्ट फिल्म की सफलता ने शबाना आजमी को बॉलिवुड में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई। अपनी पहली ही फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हुआ।

इसके बाद 1983 से 1985 तक लगातार तीन सालों तक उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। 'अर्थ', 'खंडहर' और 'पार' जैसी फिल्मों के लिए उनके अभिनय को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया जो एक बेहतरीन अदाकारा के लिए सम्मान की बात है। भारतीय सिनेमा जगत की सक्षम अभिनेत्रियों की सूची में शबाना आजमी का नाम सबसे ऊपर आता है। वे आज भी रूपहले पर्दे पर अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराती हैं।

शबाना आजमी और जावेद अख्तर
शबाना आजमी ने मशहूर लेखक जावेद अख्तर से शादी की है। पति जावेद अख्तर के सक्रिय सहयोग ने शबाना आजमी के हौसले को बढ़ाया और वे फिल्मों में अभिनय के रंग भरने के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक मंचों पर देश और समाज से जुड़ी अपनी चिंताएं अभिव्यक्त करने लगीं। 

राष्ट्रीय पुरस्कार का बनाया है रिकॉर्ड
शबाना आजमी को पांच बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जो एक रिकॉर्ड है। उन्हें पहली बार 1975 में फिल्म 'अंकुर', फिर 1983 में 'अर्थ', 1984 में 'खंडहर', 1985 में 'पार' और 1999 में फिल्म 'गॉडमदर' के लिए यह सम्मान दिया गया था।

शबाना आजमी को 4 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया है। 1978 में 'स्वामी', 1983 में 'अर्थ', 1985 में 'भावना' और 1999 में फिल्म 'गॉडमदर' के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। साल 1988 में शबाना आजमी को पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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