भोपाल
प्रदेश में भारी बारिश के चलते मंदसौर, नीमच समेत कुछ जिलों में आई बाढ़ पर सियासत शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के दावे के बीच केंद्र से सात अफसरों का दल गुरुवार को भोपाल और उज्जैन संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेगा। इस बीच राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि बारिश के कारण हुए फसल और जनधन नुकसान की रिपोर्ट 24 सितम्बर तक भेजें ताकि नुकसान के लिए केंद्र से मांगा जाने वाला राहत पैकेज तैयार किया जा सके।
उधर नर्मदा घाटी से लगे गांवों में कल भूकंप जैसे कम्पन और धमाके ग्रामीणों ने महसूस किए हैं और वे दहशत में हैं। बाढ़ के बीच जिंदगी से संघर्ष कर रहे लोगों के मुताबिक कल शाम को राजपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले मदिल, देवझिरी, साकर, भमोली गांव में 5 से 6 बार भूकम्प के झटके लगे और कई बार जमीन के भीतर धमाकों की आवाज आई। इसके कारण छतों से टिन और टपरे नीचे गिर गए। कई मकानों में दरार आने की भी जानकारी दी गई है। इसके चलते लोग दहशत में रात में बाहर बैठे रहे। उधर नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेता आज बड़वानी में रैली निकालकर जल समाधि लेने की तैयारी में हैं।
केंद्र से आने वाले सात सदस्यीय दल को बारिश से नुकसान का आंकलन जिलों में कलेक्टर कराएंगे। यह दल उज्जैन संभाग के मंदसौर व नीमच तथा भोेपाल संभाग के जिलों में नुकसान का जायजा 19 व 20 सितम्बर को लेगा। इस बीच राज्य सरकार की ओर से बाढ़ राहत के लिए तय मैन्युअल के आधार पर मेमोरंडंम तैयार कराया जाएगा, जिसे केंद्र को भेजने के बाद फिर से नया दल यहां सर्वे के लिए आएगा।
शिवराज बाढ़ पीड़ितों के बीच
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान आज भी मंदसौर में बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच हैं। उन्होंने सुबह बाढ़ प्रभावित गांवों में सफाई और जनता व संगठनों द्वारा प्रभावितों के लिए दी गई मदद के वितरण काम में हिस्सा लिया। दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने किसानों की अनदेखी करने का आरोप सरकार पर लगाया है। उन्होंने कहा है कि 20 सितम्बर को सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन होगा। इनका आरोप है कि कांग्रेस सरकार किसानों को राहत देने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आंकलन करना भी जरूरी नहीं समझा जा रहा है। इसलिए पार्टी सरकार को जगाने प्रदर्शन करेगी। उधर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दो दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग फिर दोहराई है।
मंदसौर में जहाँ तक नज़र जाती है, तबाही और बर्बादी नज़र आती है। मकान गिर गये, जो बचे हैं; उनका भी ठिकाना नहीं है कि कब तक खड़े रहेंगे। सब कुछ बह गया, बचा है तो केवल बिजली का बड़ा-बड़ा बिल। सरकार की यह अमानवीयता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। pic.twitter.com/TmPywFZJaz
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 17, 2019
दूसरी ओर गृहमंत्री बाला बच्चन ने आज पत्रकारों से चर्चा में कहा कि बाढ़ से 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय फसल बीमा योजना पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तत्काल दो हजार करोड़ रुपए एमपी के लिए जारी करे। कल मंदसौर में एक हजार करोड़ की केंद्रीय सहायता की बात कहकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पलट गए। उनकी करनी और कथनी में अंतर है। वे राज्यसभा और लोकसभा सांसदों के साथ मिलकर केंद्र से राशि दिलवाएं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन सरदार सरोवर पर मनाए जाने पर आपत्ति करते हुए कहा कि बांध प्रभावितों को एमपी में कितनी परेशानी हो रही है। यह कोई नहीं देख रहा। उन्हें मदद नहीं दी जा रही है।
मंदसौर को इस आपदा से निकालने के लिए सरकार और समाज साथ आये। प्रदेश सरकार से मेरी माँग है कि तत्काल प्रति परिवार 25 हज़ार रुपया और 50 किलो अनाज उपलब्ध कराया जाये, ताकि लोगों को भोजन तो मिल सके। pic.twitter.com/Xc6UXCQk85
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 17, 2019