भोपाल। राजधानी में हो रहे संत समागम से पहले ही नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। देवमुरारी बापू ने संत समागम का आयोजन कर रही मध्य प्रदेश सरकार और इस आयोजन की कमान संभालने वाले कम्प्यूटर बाबा पर संगीन आरोप लगाए हैं। देवमुरारी बापू ने जान से मारने की धमकी देने के मामले को लेकर कंप्यूटर बाबा के खिलाफ टीटीनगर थाने में की शिकायत दर्ज कराई है।
देवमुरारी बापू ने संत समागम को लेकर कहा कि, "कम्प्यूटर बाबा मुख्यमंत्री कमलनाथ के इशारे पर इसका आयोजन कर रहे हैं। वो मुझे नीचा दिखाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। इस समागम में साधुओं के भेष में कई गुंडे आए हैं जिनसे मेरी जान को खतरा है। इसे लेकर मैंने लिखित में आईजी को आवेदन दिया था कि वो मेरी सुरक्षा बढ़ाएं। लेकिन अब तक मेरी सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई है। ऐसे में आज थाने में मैंने कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ आवेदन दिया है।"
वो यहीं नहीं रुके उन्होंने जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा पर भी आरोप लगाए कि," वो पिछले कई दिनों से मेरा फोन नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने इस आयोजन के जरिए मेरा अपमान करने की कोशिश की है। सीएम कमलनाथ के इशारे पर ही कम्प्य्टूबर बाबा ने ये पूरा खेल रचा है। मुझे मंत्री पद न देना पड़े, इसलिए बाबा को खड़ा किया है। लाखों-करोड़ों का सम्मेलन किया जा रहा है। इस पैसों को अगर गरीबों और बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगाया जाता तो वो ज्यादा अच्छा था। अगर मुख्यमंत्री मुझसे बात कर लेते तो मैं प्रेम से ही मान जाता। कमलनाथजी मुझसे परेशान हैं तो आधा घंटा लाइव बैठ जाएं। जानबूझकर मुझे किनारे करना चाहता। "
इसके अलावा उन्होंने कम्प्यूटर बाबा पर हथियारबंद गुंडे भेजकर धमकाने का आरोप लगाया। देवमुरारी बापू ने कहा कि, बाबा ने 6 हथियारबंद लोगों को मुझे धमकाने के लिए भेजा था और ये चेतावनी दी थी कि संत समागम खत्म होने से पहले मैं भोपाल छोड़ दूं वरना गंभीर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहूं।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रशंसक और बाद में उनके आलोचक बने कम्प्यूटर बाबा ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रदेश में प्रचार किया था। इन चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली और वो 15 साल बाद प्रदेश की सत्ता में वापस लौटी। सत्ता में आते ही मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने संत नामदेव त्यागी को प्रदेश के नदी न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किया है।