श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में ले लिया गया है। इतना ही नहीं, जिस स्थान पर फारूक अब्दुल्ला को रखा जाएगा उसे एक आदेश के जरिए अस्थायी जेल घोषित कर दिया गया है। पीएसए के तहत किसी भी शख्स को बिना किसी मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। उधर, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कश्मीर के हालात पर सवाल उठाए हैं।
गौरतलब है कि इस कानून को फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला के कार्यकाल के दौरान पहली बार लागू किया गया था। फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर से लोकसभा सांसद भी हैं और 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने और दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटने के फैसले के बाद से अब्दुल्ला नजरबंद हैं।
हाल ही में नैशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों को फारूक और उनके बेटे व जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला से मिलने की इजाजत दी गई थी लेकिन इस प्रतिबंध के साथ कि वे मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत नहीं कर सकते।
ओवैसी ने उठाए सवाल
उधर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कश्मीर के हालात पर सवाल उठाते हुए कहा, 'पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद और जम्मू-कश्मीर जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से इजाजत क्यों लेनी पड़ रही है? इससे पता चला है कि घाटी में हालात सामान्य नहीं है। अगर सरकार दावा करती है कि वहां सबकुछ ठीक है तो राजनीति क्यों नहीं हो सकती?'
आजाद को घाटी जाने की मिली इजाजत
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को जम्मू-कश्मीर जाने की अनुमति दे दी। साथ ही यह कहा कि वह (आजाद) वहां कोई राजनीतिक रैली ना करें। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को जम्मू, अनंतनाग, बारामूला और श्रीनगर जाने और लोगों से बातचीत करने की अनुमति दे दी।