सतना
मध्य प्रदेश के विंध्य और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में आतंक का पर्याय बने डकैत (dacoit)बबली कोल(babli kol gang) औऱ उसके एक साथी लवकेश की लाश सतना के जंगल से बरामद कर ली गयीं हैं. सतना पुलिस ने इसे मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया है.आज सुबह पुलिस ने सतना में लेदरी के जंगल से दोनों लाशें बरामद कीं. बबली की गिरफ्तारी पर 7 लाख और लवकेश पर 1 लाख 80 हज़ार रुपए का इनाम घोषित था.
रविवार देर रात बबली कोल के गैंगवार में मारे जाने की ख़बर आयी थी. पहले ख़बर आयी थी कि फिरौती की रकम बंटवारे पर गिरोह में झगड़ा हुआ और फिर गैंगवार में बबली को उसके साथी लोली कोल ने गोली मार दी. लेकिन अब पुलिस ने बबली और उसके साथी को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया है. बताया जा रहा है कि मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने 35 राउंड फायर किए. डकैतों की ओर से 16 राउंड गोली चलायी गयीं.
दो राज्यो की पुलिस को खुली चुनौती देने वाला बबली कोल उत्तर प्रदेश के मानिकपुर के पास एक गांव का रहने वाला है.2006 में पुलिस ने डकैतों के मददगार के आरोप में उसे गिरफ्तार किया था.छह माह की जेल काटने के बाद बबली कोल बंदूक लेकर जंगल में कूद गया और 2007 में मानिकपुर रेलवे स्टेशन के पास कामायनी एक्प्रेस ट्रेन में पहली डकैती डाली थी. विरोध करने पर एक विदेशी रशियन महिला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसके बाद बबली कोल ने दो राज्यों के आधा दर्जन जिलों में दहशत फैला रखी थी.
बबली कोल के अपराध को सूची बद्ध करने के लिए अंतर्राज्यीय अपराध सेल खोला गया. इसमें उसके खिलाफ डेढ़ दर्जन हत्या सहित दो दर्जन से ज्यादा अपहरण की वारदात पंजीबद्ध हैं. अब तक का रिकॉर्ड है कि जब भी डकैत बबली कोल ने किसी का अपहरण किया, उसे बिना फिरौती लिए नहीं छोड़ा.
सतना विंध्य इलाके का पिछड़ा हुआ इलाका है. साथ ही ये उत्तर-प्रदेश की सीमा पर बसा है. सतना बड़ा रेलवे जंक्शन भी है. बदमाशों और डकैतों के लिए ये मनमाफिक जगह है. अपराधी अपराध कर आसानी से एक से दूसरे प्रदेश में भाग जाते हैं.इसलिए इस इलाके में अपराध और ख़ासतौर से अपहरण उद्योग बन गया है.