मध्य प्रदेश

नयी पीढ़ी भी जुड़े साहित्य और संस्कृति से – संस्कृति मंत्री डॉ. साधौ

भोपाल
संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि साहित्य और संस्कृति क्षेत्र की प्रतिष्ठित विभूतियों से प्रेरणा लेकर नयी पीढ़ी भी इन क्षेत्रों से जुड़कर बेहतर वातावरण बनाने में सहयोगी बन सकती है। भिन्न-भिन्न संस्कृतियों वाले हमारे प्रदेश में समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराएँ हैं। श्रेष्ठ साहित्य सृजन से मनुष्यता का भी संरक्षण होता है। संस्कृति मंत्री डॉ. साधौ आज हिन्‍दी दिवस के अवसर पर प्रदान किये जाने के लिए स्‍थापित सम्‍मानों के अलंकरण समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।   रवीन्‍द्र भवन में हुए गरिमामय कार्यक्रम में  संस्कृति मंत्री डॉ. साधौ ने अलंकरण प्रदान किए।

हिन्दी भाषा ‍सम्मान के अंतर्गत राष्‍ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्‍मान, राष्‍ट्रीय गुणाकर मुले सम्‍मान एवं राष्‍ट्रीय हिन्‍दी भाषा सम्‍मान संबंधित क्षेत्र में सृजन एवं महत्‍वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किये गए। इन तीनों सम्‍मान की राशि रुपये एक लाख है। इसके साथ सम्‍मान पट्टिका, शाल एवं श्रीफल प्रदान किया जाता है। संस्‍कृति विभाग के इस अलंकरण सम्‍मान में डॉ. साधौ ने  कहा कि मध्यप्रदेश सरकार साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में स्थापित पुरस्कार नियमित रूप से प्रदान करेगी, कुछ साल से ये सिलसिला अनियमित था। डॉ. साधौ ने कहा कि प्रदेश में संस्कृति और हिंदी के प्रसार और विकास के लिए भरसक प्रयास होंगे।

सम्मानों के अंतर्गत गुड़गांव के डॉ. बालेन्‍दु शर्मा दाधीच को सूचना प्रौद्योगिकी सम्‍मान से सम्‍मानित किया गया। भोपाल के  लेखक एवं शिक्षाविद् प्रो. कपूरमल जैन को गुणाकर मुले सम्‍मान से सम्‍मानित किया गया। पुणे के अहिन्‍दी भाषी कवि एवं लेखक चंद्रकान्‍त पाटिल को राष्‍ट्रीय हिन्‍दी भाषा सम्‍मान से सम्‍मानित किया गया। गुणाकर मुले सम्मान की चयन समिति में अपर संचालक जनसम्पर्क  सुरेश गुप्ता, साहित्यकार डॉ. विजय बहादुर सिंह, प्रो. लक्ष्मी शर्मा और हेमेन्द्र पाल शामिल थे। राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान की चयन समिति में डॉ. विजय अग्रवाल, डॉ. अनिल चौबे और अनुराग सीठा शामिल थे। राष्ट्रीय हिन्दी सेवा सम्मान की चयन समिति में  बृजेन्द्र त्रिपाठी, प्रो. चंद्रकला त्रिपाठी,  मंगलेश डबराल और  पुष्पेन्द्र सिंह शामिल थे।

सम्मानित विभूतियों की ओर से  चन्द्रकान्त पाटिल ने मध्यप्रदेश शासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका मध्यप्रदेश से बरसों तक सम्बन्ध रहा है। साहित्य परिषद की तरफ से वे अनेक कार्यक्रम में सम्मिलित हो चुके हैं। मध्यप्रदेश में साहित्य और साहित्यकारों के संवर्धन के लिये अच्छा कार्य हो रहा है।

सम्‍मान अलंकरण समारोह के पश्‍चात् सुविख्‍यात संगीत संयोजक एवं कलाकार उमेश तरकसवार ने रीतिकालीन, छायावादी एवं समकालीन तथा आधुनिक कवियों की कविताओं की प्रभावशाली संगीतमय प्रस्तुति दी। प्रमुख सचिव संस्कृति पंकज राग,नगर के अनेक साहित्यकार और कला एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।

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