मध्य प्रदेश

पेंशन संबंधी परेशानी को लेकर मंत्रालय में IAS-IPS

भोपाल
प्रदेश के  आम नागरिकों के लिए नीतियां और योजनाएं बनाने और मैदानी स्तर पर उनका सफल क्रियान्वयन करवाने की जिम्मेदारी निभाने वाले आईएएस, आईएफएस और आईपीएस अधिकारी रिटायरमेंट के बाद अपनी पेंशन और स्वत्वों के निराकरण नहीं हो पाने के कारण परेशान है। मंत्रालय में लगी रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों की पेंशन अदालत में आज ऐसे कई आईएएस, आईएफएस और उनके प्रतिनिधि पहुंचे जो पेंशन संबंधी मामलों को लेकर परेशान हो रहे थे। इनके मामलों की सुनवाई के बाद इनका निराकरण किया गया।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के1956 बैच अधिकारी एसके शर्मा की ओर उनके प्रतिनिधि पेंशन संबंधी समस्या लेकर मंत्रालय की पेंशन अदालत में पहुंचे थे। उनकी पेंशन में कम्युटेशन संबंधी दिक्कते आ रही थी। इस समस्या को सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव लेखा सतीश उपाध्याय और लेखा विभाग के अफसरों ने उनकी समस्या सुनकर उसके निराकरण की व्यवस्था की। वन विभाग की ओर से रिटायर्ड आईएफएस अफसरों की पेंशन संबंधी समस्याओं की सुनवाई के लिए वन विभाग के उपसचिव राजेश ओगरे वित्तीय अधिकारी आरएस श्याम और वित्तीय सलाहकार चौहान उपस्थित थे। भारतीय वन सेवा के 1995 बैच के अधिकारी संतकुमार शर्मा अपनी समस्या को लेकर उनके पास पहुंचे। शर्मा ने बताया कि उनकी जो पेंशन रिवाईज हुई थी वह उन्हें नहीं मिल पा रही थी।

सुनवाई के दौरान पता चला की विभाग ने तो रिवाईज पेंशन तैयार कर दिया था लेकिन बैंक अधिकारियों की गलती की वजह से रिवाईज पेंशन उन्हें नहीं मिल पा रही थी। यहां बैंक अफसरों को भी बुलाया गया था। वन विभाग के अधिकारियों ने बैंक अधिकारियों को इस मामले में रिवाईज पेंशन शुरु करने और एरियर्स के भुगतान के लिए निदे्रश दिए।

भारतीय पुलिस सेवा के रिटायर्ड अफसरों के मामलों की सुनवाई के लिए गृह विभाग के सहायक ग्रेड दो राजेश मणी, डिप्टी डायरेक्टर लेखा संतोष कुईया और पुलिस मुख्यालय से डीएसपी संघमित्रा गजभिए वहां मौजूद थी। पेंशन अदालत में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारियों का भी लंबे समय तक इंतजार चलता रहा।

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