नई दिल्ली
अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के अनंत रूप को पूजा जाता है और इसी दिन गणपति का विसर्जन भी होता है. वहीं अनंत चतुर्दशी से जुड़ी एक खास बात और है जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है. दरअसल अनंत चतुर्दशी के दिन ही रावण का जन्म हुआ था.
रावण के जन्म के साथ ही काशी (वाराणसी) के रामनगर में विश्व प्रसिद्ध रामलीला की शुरुआत हो जाती है. रामलीला का आयोजन एक महीने तक चलता है.
रामलीला की खास तैयारी की जाती है और गणेश चतुर्थी से ही इसकी शुरुआत हो जाती है. रामलीला आश्विन महीने की शुक्ल पूर्णिमा को खत्म होती है. रामलीला के सफल आयोजन के लिए इसके सभी कलाकारों से गणेश पूजा भी करवाई जाती है.
रावण के जन्म के साथ ही रामनगर में रामलीला की शुरुआत हो चुकी है. इस अनूठी रामलीला की चर्चा इतनी है कि इसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. स्थानीय लोग हाथ में पीढ़ा और पढ़ने के लिए रामचरितमानस लेकर रामलीला देखने जाते हैं. ये पूरी रामलीला अवधी भाषा में होती है.
रामनगर में रामलीला की शुरुआत साल 1783 में हुई थी. इसका आयोजन काशी नरेश उदित नारायण सिंह ने किया था. अपनी शुरुआत के साथ ही ये रामलीला ठीक उसी परंपरा के मुताबिक की जाती है.