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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि संकट में घिरी है देश की अर्थव्यवस्था

 
नई दिल्ली
अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती और इस पर केंद्र सरकार के रवैये को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को एनडीए सरकार पर जोरदार हमला किया। पूर्व प्रधानमंत्री ने सरकार को चेताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को अखबारों में सुर्खियां बटोरने की राजनीति से बाहर निकलने और देश के समक्ष आर्थिक चुनौतियों से निपटने की जरूरत है। सिंह ने केंद्र सरकार पर हमला ऐसे वक्त में किया है, जब सरकार यह मानने से इनकार कर रही है कि अर्थव्यवस्था किसी संकट से घिरी है। सरकार ने हालांकि अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए बीते दिनों कई उपायों की घोषणा की है।

बिजनसलाइन को दिए इंटरव्यू में मनमोहन सिंह ने कहा, 'हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पहले ही, काफी सारा समय निकल चुका है। हर क्षेत्र को राहत देने के लिए अलग-अलग उपाय करने के दृष्टिकोण में राजनीतिक ताकत का व्यर्थ इस्तेमाल करने या नोटबंदी जैसी ऐतिहासिक गलती करने के बजाय सरकार के लिए अगली पीढ़ी का स्ट्रक्चरल रिफॉर्म करने का सही वक्त आ गया है।'

केंद्र सरकार को मिले भारी जनादेश पर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह याद रखना जरूरी है कि यह एक ऐसी सरकार है, जिसे भारी जनादेश मिला है वह भी एक बार नहीं, बल्कि लगातार दो-दो बार। जब मैं वित्त मंत्री बना था या प्रधानमंत्री बना था, तब हमें इतना बड़ा जनादेश नहीं मिला था। इसके बावजूद, हमने काफी उपलब्धियां हासिल कीं और देश को 1991 के संकट और 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से सफलतापूर्वक बाहर निकाला।'

संकट स्वीकारना समाधान का पहला कदम
मनमोहन सिंह ने कहा, 'मुझे लगता है कि अब हम एक दूसरे तरह के संकट में घिर रहे हैं, एक लंबे समय तक चलने वाली आर्थिक सुस्ती जो स्ट्रक्चरल और साइक्लिकल दोनों है। इस संकट को दूर करने की दिशा में पहला कदम हमें यह स्वीकार करना होगा कि हम संकट में घिर गए हैं।' पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को मुद्दे को पारदर्शी तरीके से निपटाने, विशेषज्ञों तथा तमाम हितधारकों की बातों को खुले दिमाग से सुनने और संकट से निपटने के लिए ठोस इरादा जताने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'सरकार को लोगों पर विश्वास जताना चाहिए और पूरी दुनिया को एक संदेश देना चाहिए। दुर्भाग्यवश मुझे अभी तक मोदी सरकार की तरफ से इस तरह का कोई उपाय होता नहीं दिखा है।'

इन मुद्दों का करना होगा समाधान
जीएसटी के मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को सबसे पहले जीएसटी व्यवस्था का सरलीकरण करना चाहिए, भले ही अल्पकाल में इससे राजस्व का नुकसान हो। इसके बाद सरकार को ग्रामीण खपत को बढ़ाने और कृषि क्षेत्र का कायापलट करने के अनोखे तरीके ढूंढने होंगे।

देश की आर्थिक सेहत चिंताजनक
अर्थव्यवस्था की गिरती सेहत पर मनमोहन सिंह ने कहा, 'अपने काम के बारे में बातें करना मोदी सरकार का विशेषाधिकार है। लेकिन सरकार ज्यादा समय तक अर्थव्यवस्था की हालत से इनकार नहीं कर सकती। भारत बेहद चिंता में डालने वाली आर्थिक सुस्ती के भंवर में फंसा है। पिछली तिमाही की जीडीपी विकास दर महज 5 फीसदी रही, जो छह साल का निचला स्तर है। नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ भी 15 साल के निचले स्तर पर है। इस सुस्ती ने अर्थव्यवस्था के कई सेक्टर्स को प्रभावित किया है।'

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