लखनऊ
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आजम खान पर चल रहे 29 मुकदमों में जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. आजम खान के खिलाफ जमीनी विवाद, लोक प्रतिनिधि अधिनियम और कई दूसरे मामलों में जिला अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की.
यूपी में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से आजम खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजम खान पर 27 मामलों में दर्ज FIR को रद्द किए जाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट का कहना है कि 27 एफआईआर से जुड़े मामलों की सुनवाई एक ही अर्जी से नहीं हो सकती है. कोर्ट ने कहा कि हर एफआईआर पर राहत पाने के लिए अलग-अलग अर्जी दाखिल करनी होगी.
पेड़ कटवाने के मामले में भी फंसे
आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी को लीज पर दी गई जमीन से खैर के पेड़ गायब होने के मामले में भी फंसते नजर आ रहे हैं. लीज पर ली गई जमीन से पेड़ गायब होने के मामले में एडीएम प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता ने बताया कि ये मामला गाटा संख्या 1252 और 1418 नंबर की जमीन का है. ये जमीन जौहर यूनिवर्सिटी को लीज पर दी गई थी.
बताया जा रहा है कि आजम खान को जौहर ट्रस्ट को यूनिवर्सिटी के लिए जो जमीन लीज पर दी गई थी उस समय 21 फरवरी 2007 में खैर के पेड़ थे, लेकिन अब जिला प्रशासन ने जांच के बाद शासन को जो रिपोर्ट भेजी है, उसके अनुसार लीज पर दी गई जमीन पर खैर के पेड़ नहीं है. 4 जून 2019 की एसडीएम सदर की जांच रिपोर्ट के अनुसार वहां से पेड़ गायब हैं जिसके अनुसार यह शासन के नियमों का उल्लंघन है.
आजम खान के साथ उनकी पत्नी और बेटे पर भी केस दर्ज है. रामपुर के अजीम नगर थाने में आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा, बेटे अब्दुल्लाह और वक्फ बोर्ड के अधिकारियों सहित 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ. इन पर वक्फ संपत्ति को हड़पने का आरोप है.