रायपुर
नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भाजपा के प्रतिनिधिमंडल का बुधवार को निर्वाचन आयुक्त से मिलकर शिकायत करना यह बताता है कि संभावित हार को लेकर भयभीत है। कांग्रेस सरकार लगातार जनहित में काम कर रही है इसलिए भाजपा के लोग गलतफहमी फैलाने का प्रयास कर रहे है। दरअसल भाजपा चाहती ही नहीं कि समय पर नगरीय निकाय चुनाव हो।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा नगरीय निकाय चुनाव नहीं होने देने के कुचक्र में लगी हुयी है। भाजपा जब सत्ता में थी, भारतीय जनता पार्टी ने 2014 में भी नगरीय निकाय चुनाव न होने देने की पूरी ताकत लगायी थी। नगरीय निकाय चुनाव नहीं होने देने के लिये भाजपा ने 2014 में भी जी जान का जोर लगाया था। नगरीय निकाय चुनाव नहीं कराने से भाजपा सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के नेता महापौर प्रमोद दुबे, राम गिडलानी, मलकीत सिंह गेंदु, सर्वोच्च न्यायालय गये थे। 2014 का पिछला नगरीय निकाय चुनाव भी प्रदेश में बदलाव के राजनैतिक वातावरण को भांप कर भाजपा टालने में लगी थी। जिसे कांग्रेस के चार नेताओं के द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लगाई गयी याचिका के फैसले के बाद यथावत तय समय में हुए। बड़ी संख्या में कांग्रेस प्रत्याशियो ने नगरीय निकायो पर कब्जा जमाया था। कांग्रेस को जर्बदस्त सफलता मिली थी। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के कारण ही छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय निर्वाचन संभव हुआ और उसमें कांग्रेस को जर्बदस्त जन समर्थन मिला। छत्तीसगढ़ में स्थानीय निकाय के चुनावों में नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतो में कांग्रेस की जर्बदस्त जीत हुयी थी।
भाजपा 2014 की ही तरह छत्तीसगढ़ में स्थानीय निकाय के चुनाव को रोकने फिर से साजिश कर रही है। आज निर्वाचन गये भाजपा के प्रतिनिधी मंडल की मांगों से स्पष्ट है कि भाजपा नगरीय निकाय चुनावों में हार की संभावना से बुरी तरह से भयभीत है। भाजपा नहीं चाहती कि छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव उल्लेखनीय है कि चुनाव टालने के लिये ही इस तरह की मांगे भाजपा के उच्च स्तरीय प्रतिनिधी मंडल द्वारा सामने रखी गयी है।