भोपाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाने के लिए कांग्रेस के पूर्व राष्टÑीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी सिंधिया का समर्थन कर रहे हैं। उनकी ताजपोशी को लेकर 12 सितम्बर को दिल्ली में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय हो सकता है।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि अभी सिंधिया विदेश में हैं, वे 10 सितम्बर की शाम को भारत लौटेंगे। इसके बाद उनकी मुलाकात पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से हो सकती है।
सूत्रों की मानी जाए तो सिंधिया के विदेश में रहने के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस की कमान दिए जाने की पैरवी अपनी मां और पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से की है। इसके बाद यह माना जा रहा है कि सिंधिया को पीसीसी चीफ की कमान जल्द ही मिल सकती है। 12 सितम्बर के दिल्ली में कांग्रेस की होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में इस संबंध में चर्चा हो सकती है।
सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाकर दो गुटों को साधने के प्रयास में है। प्रदेश में चार नेताओं के गुट माने जाते हैं। कमलनाथ के सीएम बनने से उनका गुट सधा हुआ है। जबकि सिंधिया को प्रदेश से सक्रिय करने के लिए उनके गुट के नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं इसके चलते उनके गुट से जुड़े मंत्री भी सरकार के लिए कई बार मुसीबत का कारण बने हैं। सिंधिया को पीसीसी चीफ की कमान देकर उनसे जुड़े लोगों को भी साधे जाने की तैयारी है।
राजीव गांधी ने भी एक समय प्रदेश कांग्रेस के दो गुटों को सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद देकर साधा था। हालांकि यह प्रयोग असफल हुआ था और प्रदेश में इस प्रयोग के बाद भाजपा की सरकार बन गई थी। वर्ष 1989 में राजीव गांधी ने शुक्ल गुट का नेतृत्व करने वाले श्यामाचरण शुक्ल को मुख्यमंत्री और अर्जुन सिंह को पीसीसी चीफ बनाया था।