राजधानी भोपाल के लहारपुर दशहरा मैदान पर श्रीमद् शिवपुराण कथा
भोपाल. लहारपुर डैम स्थित दशहरा मैदान पर की जा रही श्रीमद् शिव पुराण कथा और रुद्राक्ष वितरण के दूसरे दिन कथा वाचक पंडित महेश महाराज ने विदेश्वर संहित द्वारा भोलेनाथ की शिवलिंग की उत्पत्ति और शिव लिंग स्थापना पूजा, दान और सत्संग के बारे में बताया।
महाराज ने बताया कि भगवान शंकर के शिवलिंग की सबसे पहले स्थापना और पूजा ब्रह्मा और विष्णु ने की। इन्हीं दोनों के विवाद के कारण पृथ्वी पर शिवलिंग की उतपत्ति हुई। भगवान शिव ने ब्रह्मा और विष्णु को ओम नम: शिवाय का दीक्षा मंत्र दिया। इससे ब्रह्मा श्रृष्टि के रचयिता और भगवान विष्णु पालनकर्ता हुए।
भगवान शंकर की शक्क्ति जिसे रूद्र कहा गया है, वह समय आने पर प्रलय (संहार) के रूप में काम करती है। इसलिए यह तीनों देव बह्मा, विष्णु और महेश श्रृष्टि के रचयिता, पालनकर्ता और संहारकर्ता हैं। कथा सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। शनिवार को कथा सुनने राजेश कुमार सिरोठिया, डॉ. केशव तिवारी, भीमसेन गौतम, सीमा सिंह, सुनीता गौतम, गिरजा सिंह, किरण अहिरवार, बड़ौदे, आरपी सिंह, लल्लन चतुर्वेदी, लखन सिंह बैस सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
भरत चरित्र की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
अयोध्या में भगवान श्रीराम दरबार की स्थापना के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन कथा वाचक आचार्य कृष्णा पाण्डेय ने अयोध्या जी का वर्णन, भरत चरित्र की कथा सुनाई। इसके बाद महाराज ने राम वन गवन, महराज दशरथ की मृत्यु सहित अन्य कथाओं का वर्णन किया। कथा सुनने रमेश रघुवंशी, भगवती रघुवंशी, मिथिलेश गौर, रामसिंह यादव, पवन कुमार केडिया, ललित कुमार पाण्डेय, दिलीप सिंह विश्वकर्मा, हीरालाल गुर्गर, अनीता, अर्चना, उपमा, ममता, कामना, राकेश रघुवंशी, सुशील पाण्डेय, कुबेर प्रसाद पाण्डेय, जमुना प्रसाद साहू, राम कृष्ण त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।