गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित जीआईए एग्जिबिशन सेंटर में फेड एक्सपो
प्रदेश की एमएसएमई यूनिट्स ने अपनी मेन्युफेक्चरिंग और क्षमताओं का प्रदर्शन किया
BHEL purchases products worth Rs 450 crore every year from MSME sector: भोपाल. फेडरेशन ऑफ एमपी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तत्वावधान में गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित जीआईए एग्जिबिशन सेंटर में तीन दिवसीय च्फेड एक्सपो 2024 का आयोजन किया जा रहा है। इसके दूसरे दिन भेल, बीना रिफायनरी (बीपीसीएल), वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे, क्राम्टन ग्रिव्स और केएम दस्तूर कंपनी द्वारा अपने उत्पादों और वेंडर के संबंध में जानकारी दी गई।
भारत इलेक्ट्रीकल लिमिटेड (भेल) के पंकज झा ने अपने प्रेजेन्टेशन में बताया कि भेल 450 करोड़ रुपए का हर साल एमएसएमई सेक्टर से परचेस करता है। झा ने भेल के कई उत्पादों की लिस्ट शेयर की, जिनकी उन्हें आवश्यकता रहती है और वेंडर चाहिए। इन्होंने बताया कि अभी भेल के पास 1,35,000 करोड़ के ऑर्डर हैं, जिसमें कई प्रकार के रोटर, माड्यूलर कास्टिंग, रिर्टनिंग रिंग इत्यादि शामिल है।
बीना रिफायनरी (बीपीसीएल) के कमर्शियल हेड दुर्गेश शर्मा ने कहा कि बीना रिफायनरी का नया पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है, जिसमें 4500 करोड़ के निवेश की संभावना है। इस प्रोजेक्ट में लगने वाले कई प्रोडक्ट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की एमएसएमई को उनके प्रोजेक्ट में वेंडर के रूप में काम करना चाहिए। वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे के प्रदीप कुंदलकर ने 50 से ज्यादा उत्पादों की लिस्ट शेयर की, क्राम्टन ग्रीव के जीएम सुनील केलकर ने अपने उत्पादों की लिस्ट शेयर की और बताया कि उन्हें वेंडर की जरूरत होती है। वीडियो प्रेजेन्टेशन के माध्यम से क्राम्टन ग्रीव्स में बनने वाले उत्पादों की जानकारी दी।
इस मौके पर कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि उनके जो वर्तमान में वेंडर हैं वह अधिकांश अन्य राज्यों से हैं, जिससे मध्यप्रदेश के वेंडर उचित लाभ नहीं ले पा रहे हैं। छोटी-छोटी चीजों के लिए भी उन्हें मध्यप्रदेश के बाहर के वेंडरों पर निर्भर रहना पड़ता है। बीमा कंपनी के एम दस्तूर के वाईस प्रेसिडेंट राजीव मुतनेजा ने कहा कि उनकी कंपनी लगभग 50 साल से उद्योगों के लिए कार्य कर रही है। वह उद्योगों को उचित दर पर अच्छी से अच्छी बीमा पॉलिसी देने का काम करते हैं। सभी कंपनियों ने उनके यहांं किस प्रकार से वेंडर लिस्टेड किये जाते है, उसकी प्रक्रिया बताई।
फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. आरएस गोस्वामी ने औद्योगिक इकाईयों को संबोधित करते हुए कहा कि इस फेड एक्सपो, बायर-सेलर मीट से प्रदेश की एमएसएमई को बहुत लाभ मिलेगा। यह उनके लिए एक बेहतर मंच साबित होगा। मध्यप्रदेश की इकाईयों विशेषकर गोविंदपुरा और मंडीदीप की औद्योगिक इकाईयों में विकास की अपार संभावनाएं हैं। हम देख पा रहे हैं कि प्रदेश की एंकर यूनिट्स (पीएसयू एवं लार्ज मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां) की वेंडर लिस्ट में हमारी भागीदारी कम है, जबकि एंकर यूनिट चाहती है कि प्रदेश की एसएमई उनके वेंडर बनें।
हमें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और भेल, बीना रिफायनरी (बीपीसीएल), वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे, क्राम्पटन ग्रीव्स आदि के साथ ही अन्य एंकर यूनिट्स को भी एप्रोच करना चाहिए। इस मौके पर गोस्वामी ने उपस्थित बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों से कहा कि एमएसएमई को किए जाने वाले पेमेंट कंपनी 3-4 दिन में कर दे तो इससे वेंडर को प्रोत्साहन मिलेगा और एमएसएमई अत्यधिक उत्साह और जोश के साथ काम करेगी। आयोजन में फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. आरएस गोस्वामी, उपाध्यक्ष दीपक शर्मा, हिमांशु खरे, विरेन्द्र कुमार पोरवाल, गोविंदपुरा इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय गौर, अशोक पटेल, योगेश गोयल सहित अन्य उद्योगपति मौजूद रहे।