12 करोड़ रुपए की लागत से गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में किया जा रहा निर्माण कार्य
If four crores are received then the construction work of parking will be completed: भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्य में फंड बाधा बन रहा है। यहां करीब 12 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य किया जा रहा है। इसमें करीब 6 करोड़ रुपए और जीएसटी का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। वहीं करीब 4 करोड़ रुपए का फंड केंद्र सरकार से जारी होना है।
इस फंड के जारी नहीं होने के कारण गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र का विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। यहां सडक़, नाली, औद्योगिक क्षेत्र से निकले नाले पर कंक्रीट की दीवार और पार्किंग बनाया जाना है। इसमें नाले पर दीवार बनाने और सडक़ का निर्माण कार्य किया जा चुका है। सडक़ के किनारे पेवर ब्लॉक लगाए गए हैं। अन्य कार्य भी किए जा रहे हैं, लेकिन पार्किंग का काम अभी अधूरा पड़ा है। औद्योगिक क्षेत्र में बाहर से आने वाले बड़े ट्राले, ट्रक सडक़ पर खड़े हो रहे हैं, जिससे दुघर्टना की आशंका बनी रहती है।
रोजाना सैकड़ों की संख्या में आते हैं वाहन
गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में करीब 1100 कारखाने संचालित हो रहे हैं। यहां वर्ष 1665 में औद्योगिक क्षेत्र को डवलप किया गया था। राजधानी का इकलौता औद्योगिक क्षेत्र होने के बाद भी सरकार इसे डवलप करने पर ध्यान नहीं दे रही है। इन कारखानों में कच्चा माल ले आने और यहां से बनकर तैयार होने वाले सामनों को ले जाने के लिए रोजाना सैकड़ों की संख्या में बड़े ट्राले और ट्रक आना- जाना करते हैं। सामानों की लोडिंग और अनलोडिंग में समय लगने पर इन वाहनों को रुकना पड़ता है। ट्रक और ट्राले सडक़ पर खड़े रहते हैं, जिससे दुघर्टना की आशंका बनी रहती है।
औद्योगिक क्षेत्र से हटाया मीट दुकान, लगाए पौधे
गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में लगने वाले मीट मार्केट को गोविंदपुरा औद्योगिक एसोसिएशन द्वारा नगर निगम के माध्यम से हटवाकर यहां पौधरोपण कराया गया है। यहां करीब 50 पौधे लगाए गए हैं। जिया के अध्यक्ष विजय गौड़ ने बताया कि सौंदर्यीकरण किए जाने के साथ ही जल्द ही औद्योगिक क्षेत्र में सडक़ किनारे पेवर ब्लॉक लगाया जाएगा।
अधूरी पड़ी है औद्योगिक क्षेत्र की पार्किंग
गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में बनाई जा रही पार्किंग का काम केंद्र सरकार द्वारा फंड रिलीज नहीं किए जाने से अधूरा पड़ा है। इससे यहां बहार से आने वाले वाहनों के चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि पार्किंग का आधा काम हो चुका है। बाकी बचे हिस्से पर एसोसिएशन द्वारा फेंसिंग करा दी गई है। कुछ कारखानों के वाहन खड़े रहते हैं, जिनका महीने का पास बनाया जाएगा। लेकिन कुछ कारखानों के संचालकों द्वारा अवैध तौर पर वाहन खड़े किए जा रहे हैं।
जर्जर हो चुकी सडक़ की मरम्मत की जा रही
गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्यों के तहत सडक़ नाले और नाली का निर्माण कार्य किया गया था। कुछ जगह लगाए गए पेवर ब्लॉक धंसक गए थे, तो कुछ जगहों पर सडक़ जर्जर होने लगी थी। इससे यहां से आवाजाही करने वाले वाहन चालकों के साथ ही कारखाने में काम करने वालों को भारी परेशानी हो रही थी। इसकी एसोसिएशन द्वारा लघु उद्योग भारती में शिकायत की गई थी। इस पर ठेकेदार द्वारा फिर से सडक़ की मरम्मत की जा रही है। सडक़ बनने से लोगों को हो रही परेशानी से निजात मिलेगी।
राजधानी का इकलौता औद्योगिक क्षेत्र है। वर्ष 1665 में इसकी स्थापना की गई थी। लेकिन अभी भी यहां सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। क्षेत्र के विकास के लिए जारी किया गया फंड रुका हुआ है। इसके रिलीज होने पर रुका हुआ विकास कार्य पूरा कराया जाएगा। अधूरी पड़ी पार्किंग भी पूरी कराई जाएगी। इससे सडक़ों पर खड़े होने वाले वाहन पार्किंग में खड़े होंगे तो दुघर्टना की आशंका नहीं रहेगी। बाहर आने वाले वाहनों की सुरक्षा के साथ ही उनके स्टाफ को सुविधा मिलने लगेगी।
विजय गौड़, अध्यक्ष, गोविंदपुरा औद्योगिक एसोसिएशन