मध्य प्रदेश लाइफ-स्टाइल

बच्चे के जन्म के समय महिलाओं को होता है प्रसवकालीन डिप्रेशन

Women suffer from perinatal depression at the time of childbirth

जिला अस्पताल में मातृत्व मानसिक स्वास्थ्य पर महिलाओं को किया जागरूक
Women suffer from perinatal depression at the time of childbirth: भोपाल. जिला अस्पताल में मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र बैरागी और क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ. राहुल शर्मा के मार्गदर्शन में सत्यमेव मानसिक विकास केन्द्र की डायरेक्टर एवं रिहैबिलिटेशन साइकोलोजिस्ट स्मिता कुमारी ने मातृत्व मानसिक स्वास्थ्य पर जागरुकता कार्यक्रम किया। स्मिता ने अस्पताल के एएनसी वार्ड-3, मदर्स वार्ड, पीएनसी वार्ड, ओपीडी क्रमांक 4 व पोस्ट ओपरेटिव वार्ड में 5 कार्यक्रम किया।

Women suffer from perinatal depression at the time of childbirth

Women suffer from perinatal depression at the time of childbirth

उन्होंने बताया गर्भावस्था और प्रसव के बाद कई माताओं में शारीरिक, मानसिक यानी भावनात्मक, हार्मोनल बदलाव के कारण बच्चे के जन्म में लिंग आधारित भेदभाव के कारण, घरेलू हिंसा या अन्य तनाव के कारणों से 5 में से एक महिला को प्रसवकालीन डिप्रेशन होता है। अगर दो सप्ताह तक किसी महिला में लगातार उदासी, अकेलापन, निराशा, ध्यान में कमी, भूख और नींद में बदलाव, आत्महत्या के विचार आ रहे हों तो मनोरोग विशेषज्ञ से तत्काल संपर्क करके इससे निजात पा सकती हैं।

उन्होंने मां का व्यक्तिगत स्वस्थ उसके बच्चे के साथ संबंध और आस-पास के लोग यानी परिवार की सकारात्मक भूमिका पर भी चर्चा की। डॉ. राजेन्द्र बैरागी ने बताया कि जिला अस्पताल के मन कक्ष में इसके लिए इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। वहीं डॉ. प्रीति देवपुजारी ने डिप्रेशन के दौरान भी माताओं को अपना ध्यान रखने और परिवार में भी किसी को कोई तनाव हो तो मन कक्ष में संपर्क करके मनोचिकित्सक से सम्पर्क करने की बात कही। इस मौके पर 5 वार्ड की 250 से ज्यादा गर्भवती और प्रसूति माताओं, परिजनों को जागरूक किया।

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