गुवाहाटी
नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रैटिक अलायंस (नेडा) की बैठक में हिस्सा लेने असम पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घुसपैठियों के बहाने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पूर्वोत्तर में फूट डालो, राज करो की नीति अपनाई। यही नहीं नॉर्थ ईस्ट में आतंकवाद की समस्या को सुलझाने के बजाए कांग्रेस ने इसे और फैलाया। शाह ने कहा कि असम ही नहीं पूरे देश को विदेशी घुसपैठियों से मुक्त किया जाएगा और इसके लिए योजना तैयार की जा रही है।
बैठक को संबोधित करते हुए गृहमंत्री शाह ने कहा, 'कांग्रेस ने फूट डालो और राज करो वाली नीति ही अपनाई थी। हर राज्य भारत का अभिन्न अंग है। इस भावना को प्रत्येक व्यक्ति तक अगर पहुंचाना था तो यह बहुत जरूरी था कि नार्थ ईस्ट कांग्रेस से मुक्त बने। नॉर्थ ईस्ट में आतंकवाद की समस्या को सुलझाने के बजाए कांग्रेस ने इसे और फैलाया ताकि अपना राज बना रहे।'
'कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट में झगड़े पैदा किए'
उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद से 2014 तक कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट में भाषा, जाति, संस्कृति, क्षेत्र विशेष के आधार पर झगड़े पैदा किए। इससे पूरा नॉर्थ ईस्ट अशांति का गढ़ बन गया। यहां विकास की जगह भ्रष्टाचार को अहम जगह देने का काम कांग्रेस ने किया।' उन्होंने कहा कि नार्थ ईस्ट के राज्यों ने NRC पर चिंता व्यक्त की है कि काफी लोग छूट गए हैं, इसलिए और ज्यादा गहनता से काम होना चाहिए।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, 'मैं सभी को आस्वस्त करना चाहता हूं कि एक भी घुसपैठिया असम के अंदर रह भी नहीं पाएगा और दूसरे राज्य में घुस भी नहीं पाएगा। हम सिर्फ असम को घुसपैठियों से मुक्त करना नहीं चाहते बल्कि पूरे देश को घुसपैठियों से मुक्त करना चाहते हैं। इसके लिए योजना भी तैयार की जा रही है।' शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 अल्पकालिक प्रावधान था और अनुच्छेद 371 विशेष प्रावधान है। यह अनुच्छेद नार्थ ईस्ट का अधिकार है और इसे कोई छूने वाला नहीं है।
'नॉर्थ ईस्ट के 8 राज्यों ने नेडा को स्वीकारा'
अमित शाह ने कहा, 'असम के चुनाव के बाद जब नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रैटिक अलायंस का विचार आया तो मैंने साथियों से इस पर चर्चा की। तब यह बात निकलकर आई की एनडीए का विस्तार नीचे स्तर तक ले जाना है तो नेडा जरूरी है। इसलिए नेडा की स्थापना का बीज 2016 में बोया गया, जो आज विशाल वट वक्ष बनकर पूरे नॉर्थ ईस्ट को छांव दे रहा है।' उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट भारत के लिए फेफड़ों के समान हैं, क्योंकि यहां देश का 26 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र है जो देश को ऑक्सीजन देने का काम करता है।