अध्यात्म देश मध्य प्रदेश

हरे कृष्ण के कीर्तन में झूमे श्रद्धालु, लोगों ने पुष्पवर्षा कर किया स्वागत

Devotees danced in Hare Krishna's kirtan, people welcomed by showering flowers
Devotees danced in Hare Krishna's kirtan, people welcomed by showering flowers

Devotees danced in Hare Krishna’s kirtan, people welcomed by showering flowers

भव्यता के साथ मनाई गई श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव
Devotees danced in Hare Krishna’s kirtan, people welcomed by showering flowers: भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार को इस्कॉन मंदिर द्वारा श्रीजगन्नाथ रथयात्रा निकाली गई। इस दौरान भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा माता रथ में विराजमान थीं। रथ सुंदर सुगंधित पुष्प द्वारा सजाया गया था। रथ यात्रा सायं 4 बजे भोपाल टाकीज चौराहा से शुरू हुई। महापौर मालती राय ने रथयात्रा का स्वागत किया। इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु हरे कृष्ण कीर्तन और ढोल की थाप पर आनंदित होकर नाचते गाते निकले। श्रद्धालु अपने हाथों से उल्लास पूर्वक रथ को खींचते हुए चल रहे थे।

रथयात्रा में विदेशी श्रद्धालु भी हुए शामिल
रथयात्रा में बड़ी संख्या में विदेश श्रद्धालु भी शामिल हुए। इनमें नीदरलैंड, रूसिया और यूके्रन सहित अन्य देशों से श्रद्धालु राजधानी भोपाल पहुंचकर रथयात्रा में शामिल हुए। सुमधुर हरिनाम संकीर्तन की ध्वनि में सभी लोग आनंद विभोर हो उठे। रथ यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर समाज के सभी वर्गों के लोगों ने स्वागत सम्मान किया। इस्कॉन से जुड़े सैकड़ों युवाओं ने इस उत्सव में भाग लिया और पूरे उत्साह के साथ भगवद् गीता तथा अन्य ग्रंथों का वितरण, जन साधारण में अध्यात्मिक चेतना जागरूक करने के लिए किया। रथयात्रा का समापन प्लैटिनम प्लाजा पर संध्या आरती के साथ हुआ। इसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण किया गया।

इस्कॉन 600 से ज्यादा शहरों में निकाली रथयात्रा
इस्कॉन के वरिष्ठ भक्त अच्युत कृष्ण प्रभु ने बताया कि रथयात्रा एक मात्र ऐसा उत्सव है, जहां मंदिर के मूल अर्च विग्रह, भक्तों को दर्शन देने के लिए बाहर आते हैं। यह परंपरा हजारों वर्ष पुरानी है। पद्मपुराण, स्कंध पुराण और अन्य प्रमाणिक ग्रंथों में इसके उल्लेख मिलते हैं। प्रभुजी ने बताया कि इस्कॉन द्वारा पूरे विश्व में प्रति वर्ष 600 से भी ज्यादा शहरों में रथयात्रा उत्सव मनाई जाती है। सन् 1967 में इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद जी द्वारा भारत के बाहर अमेरिका के सैनफ्रांसिस्को शहर में पहली बार रथयात्रा महोत्सव मनाया गया था।

>

About the author

info@jansamparklife.in

Leave a Comment