ग्वालियर
प्रदेश में रेत चोरी को लेकर खादी और खाकी आमने सामने हो गए है। चंबल के पुलिस अफसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ गोविंद सिंह के लगाए आरोप के बाद भिंड में पुलिस ने जबरदस्त घेराबंदी कर दी है। पिछले 48 घंटो से यहां रेत का उत्खनन और परिवहन पुलिस ने पूरी तरह से रोक दिया है। सुरक्षा इंतजाम के लिए एसएएफ की कंपनी भी भिंड व मुरैना में उतार दी गई है।
रेत के अवैध उत्खनन को लेकर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने पुलिस विभाग की रेत खनन में भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए उस पर लगाम कसने में असफल होने का बयान जारी किया था। मंत्री के बयान के बाद चंबल समेत पूरे प्रदेश में पुलिस महकमा रेत चोरी रोकने के लिए कमर कसकर तैयार हो गया।
आईजी चंबल डीपी गुप्ता ने मंत्री के बयान के तत्काल बाद ही भिंड में डीआईजी अशोक गोयल को कैंप करने के आदेश जारी कर के रेत उत्खनन व परिवाहन पर पूरी तरह से नकेल कसने के लिए कहा। इसके साथ ही एसएएफ की कंपनिया मंगाकर भिंड से मुरैना और यूपी के सारे रास्ते सील करा दिए हैं। ऐसे में यहां पुलिस रेत का उत्खनन होने के साथ साथ परिवहन भी नहीं होने दे रही है। चंबल अंचल में खादी और खाकी के बीच चल रही तनातनी के बीच मामला सीएम कमलनाथ तक भी पहुंचा है। सूत्रों की माने तो भिंड के दो विधायकों ने भी इस मामले में सीएम से मुलाकात कर मध्यस्थता करने की बात की है।
मप्र कांग्रेस कमेटी के सचिव व दतिया के कांग्रेस नेता सुनील तिवारी ने रेत खनन मामले में कैबिनेट मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने सीधा आरोप लगाया है कि रेत खनन मंत्री के आदेश पर ही पुलिस व प्रशासन के अफसर कर रहे है। इसके लिए प्रति डंपर व ट्रॉली भी रेट फिक्स है।
जबलपुर में रेत कारोबारी से रिश्वत लेने वाले एसडीओ पाटन एसएन पाठक को डीजीपी वीके सिंह ने मुख्यालय अटैच कर दिया है। दरअसल पाठक का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह पैसे ले रहे है और डायरी में हिसाब भी लिख रहे हैं। इस मामले की शिकायत डीजीपी से की गई थी।