मध्य प्रदेश

सामुदायिक सहभागिता से खत्म होगा फाइलेरिया: केन्द्रीय मंत्री

स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समन्वय बनाकर रोग के उन्मूलन को देंगे गति

भोपाल. फाइलेरिया रोग के संपूर्ण उन्मूलन के लिए बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है। इसके लिए सामुदायिक सहभागिता काफी जरूरी है। टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए यह बात सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कही। उन्होंने स्वयं भी फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करते हुए कहा कि हम सब लोगों को इस दायित्य को समझते हुए सामूहिक रूप से फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से लडऩा होगा और इसे पूरी तरह समाप्त करना होगा।

फाइलेरिया रोग के उन्मूलन को और अधिक गति देंगे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय से समन्वय बनाकर फाइलेरिया रोग के उन्मूलन को और अधिक गति देंगे। साथ ही गंभीर फाइलेरिया रोगियों को सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने के लिए योजना भी विकसित करेंगे। इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों के साथ ही अन्य लोगों ने भी फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने किया।
यह सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या

विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ. देवेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि फाइलेरिया या हाथीपांव रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया, दुनिया भर में दीर्घकालिक दिव्यांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर किसी भी आयु वर्ग में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है।

फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे, हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फोएडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ बनना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल भी खिलाई जाती है, जो बच्चों में होने वाली कृमि रोग का भी उपचार करता है, जो सीधे तौर पर बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है।

उन्होंने यह भी बताया की इन दवाओं का सेवन खाली पेट नहीं करना है । कार्यक्रम में राज्य स्तर के वेक्टर बोर्न डीजी कण्ट्रोल प्रोग्राम के अधिकारियों डॉ. सत्येन्द्र पाण्डेय और सी.एस. शर्मा ने कहा कि राज्य स्तर से जिला स्तर तक समन्वय बनाकर रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। हम सब कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र में जाकर एमडीए कार्यक्रम को और बेहतर बनाने के लिए सार्थक प्रयास कर रहें हैं ।

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