भोजपाल महोत्सव मेला में सूफीयाना संगीत से सजी शाम
भोपाल. आजकल फिल्मों में डिजिटल म्यूजिक का चलन है। लाइव इंस्टू्रमेंट्स का दौर अब खत्म हो गया है। इसी तरह संगीत की बात करें तो मोबाइल ऐप्स ने नए कलाकार दिए हैं। उन्हें पसंद भी खूब किया जा रहा है, लेकिन उनमें संगीत तो है नहीं। गायिकी वो है जो एक-एक बोल को श्रोता की रूह में उतरा दे।
अक्सर श्रोता समझते हैं कि जिसे फिल्मों के गायन का मौका मिलता है, वही श्रेष्ठ होता है। मैंने भी सात फिल्मों में गीतों को अपनी आवाज दी, लेकिन लाइव परफॉर्मेंस करना सबसे कठिन काम होता है। यह कहना है हमसर हयात का। निजामी ब्रदर्स के नाम से चार भाइयों की ये जोड़ी देश-दुनिया में मशहूर है। भोजपाल महोत्सव मेला में हमसर अपने भाई अथर, मजर और ताहिर के साथ प्रस्तुति देने आए थे। सूफीयाना संगीत की इस शाम का कला रसिकों ने भरपूर आनंद लिया।
हमसर ने बताया कि हमारा परिवार पिछले 750 सालों से गायिकी कर रहा है। हमारे पूर्वज हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरबार में उनकी कसीदें गाते हुए शुरुआत हुई। वालिद उस्ताद मोहम्मद हयात ने इस फन को देश-दुनिया तक पहुंचाने का निर्णय लिया। हमसर ने बताया कि 1986 में मैं आइसीसीआर के एक कार्यक्रम में प्रस्तुति देने गया था। वहां रहने वाले एक व्यक्ति ने मुझसे कहा कि आप मेरे घर में बने सांई बाबा के मंदिर में चलकर प्रस्तुति दीजिए। मैं उनके घर पहुंचा तो उसी वक्त सांई बाबा से जुड़ाव हो गया।
इसके बाद 1990 में करीब 18 माह के लिए प्रस्तुति देने पाकिस्तान चला गया। वहां से 1992 में आया तो लोधी रोड स्थित सांई बाबा मंदिर जाने लगा। वहां मुझे भजन गायन की प्रेरणा मिली। मैं कव्वाली गायन के साथ भजन भी गाने लगा। बाबा की प्रेरणा से हम नए-नए भजन तैयार करने लगे, जिसे श्रोता और बाबा के भक्तों ने खूब पसंद किया।
पिता और मैं, दोनों ने लिखे भजन
अथर ने बताया कि वालिद के इंतकाल से पहले वे और बड़े भाई हमसर भी भजन लिखते थे। इसके बाद भैय्या और हम सभी ये जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 1991 में पाकिस्तान में नूसरत फतेह अली खां साहब के साथ लाहौर में स्टेज शेयर करना अपने आप में अनूठा अनुभव था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रिंस ऑफ कव्वाल का खिताब दिया था।
दीवाना आया बाबा तेरी शिर्डी में…
सूफीयान संगीत की शाम में निजामी ब्रदर्स ने छाप तिलक सब, ऐरे सखी, तेरे रहमतों का दरिया सरे आम चल रहा है, तुम्हारी चश्मे करम हो तो काम हो जाए, दीवाना आया बाबा तेरी शिर्डी में, बंदा गरीब है, इश्क का राजा… जैसे गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आलोक शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा, विशिष्ठ अतिथि संजीव अग्रवाल, चेयरमैन सेज गु्रप, कैलाश वेगवानी, पूर्व अध्यक्ष, हिन्दू उत्सव समिति, मेला अध्यक्ष सुनील यादव, संयोजक विकास वीरानी और महामंत्री हरीश कुमार राम मौजूद रहे।