सीआरपीएफ कॉलोनी में शाम होते ही छा जाता है अंधेरा, बना रहता है हादसे का डर
भोपाल. बंगरसिया स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी संस्था द्वारा विकसित कॉलोनी के रहवासी मूलभूत सुविधाओं तक को मोहताज हैं। कॉलोनी में बिजली सप्लाई के लिए खंभे नहीं होने से शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। पेयजल, नाली, सड़क, सीवेज लाइन जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं।
रहवासियों का कहना है कि वर्ष 2004 में यह कॉलोनी बनाई गई थी। बीते 16 वर्षों में यहां न तो बिजली के लिए खंभे लग पाए और न ही सड़क नाली का निर्माण कराया गया। शहरी इलाके में होने के बावजूद यहां के हालात गांवों से भी बदतर हैं। यहां बड़ी-बड़ी घास और झाडिय़ां होने से जहरीले जीव-जंतुओं के कारण हमेशा दुघर्टना का भय बना रहता है।
गौरतलब है कि इस कॉलोनी में सीआरपीएफ जवानों के लिए 234 प्लॉट संस्था के मध्यम से आवंटित किए गए थे। मौजूदा समय में 35 से ज्यादा लोगों ने अपने मकान बनाकर रहना शुरू कर दिए हैं। यहां रह रहे लोगों ने बताया कि सुविधाएं नहीं होने से अन्य लोग खुद का प्लॉट होने के बावजूद किराए के कमरों में रह रहे हैं। रहवासी अॢपत तिवारी ने बताया कि बीते दिनों अज्ञात लोगों द्वारा चोरी करने का प्रयास किया गया। घर वालों के जाग जाने पर चोर भाग निकले। इससे पहले भी इस तरह की वारदात हो चुकी है।
सड़क नहीं होने से कीचड़ के बीच से निकलते हैं
कॉलोनी के रहवासी रामबली, लालू माहेश्वरी, बिजेंदर सिंह राजावत का कहना है कि कॉलोनी में सड़क नहीं होने से चलना तक मुश्किल हो रहा है। रात के अंधेरे में आवाजाही करने के दौरान लोग सड़क पर निकले पत्थरों, कीचड़ और गड्ढों में गिरकर घायल तक हो चुके हैं। बारिश के दिनों में यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। इसके बावजूद अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
हो चुके हैं हादसे
इस कॉलोनी में अस्थाई बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। इससे दुघर्टनों के साथ ही चोरी का भी डर बना रहता है। राकेश सोनी, महेश प्रसाद, मलखान सिंह, चंद्रकला देशमाने ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही करंट की चपेट में आने से एक मवेशी की मौत तक हो चुकी है। इसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।
सीवेज लाइन और नाली नहीं होने से खुले में बहता है गंदा पानी
कॉलोनी में सीवेज लाइन नहीं होने से घरों से निकलने वाला सीवेज और गंदा पानी कॉलोनी की गलियों में बहता रहता है। इसके कारण सड़क पर कीचड़ होने से रहवासियों को सड़क पर भरे गंदे पानी और कीचड़ के बीच से आवाजाही करनी पड़ती है।
16 साल बीतने के बाद भी कॉलोनी में सड़क नहीं बन पाई। गलियों में गड्ढे और कीचड़ होने से रात में आवाजाही करने मेे भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे हमेशा हादसे का डर बना रहता है।
महेश कुमार पांचाल, रहवासी
कॉलोनी में सड़क, पानी, सीवेज लाइन जैसी मूलभूत समस्या तो दूर की बात आज तक बिजली के खंभे तक नहीं गड़ पाए। कॉलोनी के बाहर मुख्य सड़क किनारे लगाई गई डीपी से बांस बल्ली गाड़कर तार खींचकर लेकर गए हैं। तेज हवा चलने से तार गिरकर नीचे आ जाता है, जिससे हादसे का डर बना रहता है।
उत्तम सिंह, रहवासी
कॉलोनी को स्थापित हुए 16 साल बीत चुके हैं, इसके बावजूद अब तक यहां के रहवासियों के लिए मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई गईं। यहां के हालात गांव से भी बदतर हैं, इसके बाद भी हम लोगों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
रंजीत सिंह, रहवासी
कॉलोनी में पानी की सुविधा नहीं होने से रहवासियों को दूर दराज के क्षेत्रों से पीने के लिए पानी लेकर आना पड़ता है। या तो महंगे दामों पर पानी का टैंकर मंगवाकर प्यास बुझानी पड़ रही है।
एसआर काम्बले, रहवासी