मध्य प्रदेश

मूकाभिनय माइम में इशारों व एक्शन के साथ भावनाओं को किया व्यक्त


आवाज और यंगशाला के संयुक्त तत्वावधान में माईम की तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित, ग्रीस की रंगमंच कलाकार दिमित्रा पप्पा भी जुड़ीं

भोपाल. मूक अभिनय (माइम), अभिनय का एक सशक्त माध्यम है। इस अभिनय के अंतर्गत इशारों व एक्शन के साथ भावनाओं को व्यक्त किया जाता है। माइम में भाव का बहुत महत्व है। माईम की बारीकियों को समझने के लिए भोपाल में युवाओं के साथ काम करने वाली संस्था आवाज और यंगशाला के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन (1 से 4 अगस्त तक) किया गया। कार्यशाला का सहजीकरण देश के जाने-माने माईम कलाकार दीपक यात्री द्वारा किया गया।

माइम के इतिहास व बारीकियों पर चर्चा
कार्यशाला में दीपक ने प्रतिभागियों को व्यावहारिक जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं को कुरेदने और उन्हें माईम के द्वारा अभिव्यक्त करने के विषय में बारीकी से परिचित कराया। इस तीन दिवसीय कार्यशाला में दीपक ने माइम के इतिहास व इसकी बारीकियों पर चर्चा की। माइम में शरीर की मुद्राओं और नजर के महत्व को भी युवा साथियों ने समझा व इसका अभ्यास किया। कार्यशाला में दीपक ने अभिनय के प्रकार, आकार, गति, वजन, ऊंचाई और स्तर आदि पर विस्तार से बात की। इसके अलावा पेंटामाइम, इल्यूजन के साथ-साथ बटरफ्लाई, बैलून अभ्यास से भी माईम की बारीकियों और खूबियों से परिचित कराया।

नई-नई विधाओं से युवा साथियों का परिचय कराना ही मकसद
कार्यशाला के विषय में बात करते हुए आवाज की रोली शिवहरे कहती हैं कि आवाज की कोशिश रहती है कि नई-नई विधाओं से युवा साथियों का परिचय करा सकें, ताकि वे रचनात्मक अभिव्यक्ति को आकार दे सकें। इसी तारतम्य में आवाज और यंगशाला द्वारा इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का समन्वयन नितेश व्यास द्वारा किया गया।

लॉकडाउन का बेहतर उपयोग
कार्यशाला में भोपाल शहर के 35 युवा साथियों ने सहभागिता की। कार्यशाला में ग्रीस की रंगमंच कलाकार दिमित्रा पप्पा भी जुड़ीं। दिमित्रा ने अपने अनुभव साझा करते हुऐ कहा कि तमाम भाषाई दिक्कतों के बावजूद भारत देश से मुखभिनय की बारीकियां सीखना अपने आप में रोमांचित कर रहा है।

यह कार्यशाला मेरे लिए मील का पत्थर
नवीन कॉलेज की प्रियंका समुद्रे कहती हैं कि यह कार्यशाला मेरे लिए मील का पत्थर थी। माईम की बारीकियों को समझने का इससे बेहतर विकल्प नहीं हो सकता है। हमीदिया कॉलेज के दानिश खान कहते हैं कि यह कार्यशाला माईम को समझने और उस पर एक्ट करने के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण थी। लॉकडाउन का इससे बेहतर उपयोग नहीं हो सकता था।

दीपक यात्री का परिचय
दीपक ने अपनी शिक्षा कोलकाता के नेशनल माईम इंस्टीट्यूट से पद्मश्री निरंजन गोस्वामी के मार्गदर्शन में सम्पन्न की। दीपक दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिक यूनिवर्सिटी, वढ़ोदरा की एमएस यूनिवर्सिटी तथा भावनगर की महाराजा किशन कुमार सिंह यूनिवर्सिटी में अतिथि विद्वान की भूमिका में पढ़ाते रहे हैं। फिलहाल दीपक, लोकतन्त्रशाला राजस्थान के एक फेलो के रूप में काम कर रहे हैं।

>

About the author

admin administrator

Leave a Comment