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भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय जवानों ने दिया मुंहतोड़ जवाब

भारत के एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 3 जवान शहीद, झड़प में चीन के कम से कम पांच जवान मारे जाने की है खबर

नई दिल्ली. लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय जवानों ने भी चीनियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। सूत्रों की माने तो इस झड़प में चीन के कम से कम पांच जवान मारे गए हैं। बताया जा रहा है कि इस झड़प में 11 चीनी जवान घायल हुए हैं। उन्हें स्ट्रेचर पर चीनी सीमा में ले जाया गया। हालांकि अभी तक चीन की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है। चीनी सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने भी चीनी सेना को हुए नुकसान पर चुप्पी साधी हुई है। इधर, भारतीय जवानों में भी एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 3 जवान शहीद हुए हैं। सेना ने अपने संशोधित बयान में चीन को नुकसान होने का इशारा किया है।

फिलहाल चीन की ओर से कितना नुकसान हुआ है, इस पर भारतीय सेना ने ज्यादा कुछ नहीं कहा। बस इतना कहा कि नुकसान दोनों तरफ हुआ है। इससे पहले भारतीय सेना ने बताया था कि बॉर्डर पर चीनी घुसपैठ को रोकने के दौरान तीन जवान शहीद हुए। इसमें एक अधिकारी के अलावा दो जवान शामिल हैं।

लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और तीन जवान शहीद हो गए। भारत और चीन की सेना के वरिष्ठ अधिकारी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए बैठक कर रहे हैं। बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं।

भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर हुई हिंसक झड़प में तीन भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर है। हालांकि गोली चलने की खबर नहीं है। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह झड़प कितनी भयंकर होगी। खबरों के मुताबिक चीन के भी चार जवान मारे गए हैं, जिन्हें स्ट्रेचर पर लेकर जाते देखा गया। भारत चीन सीमा पर पहले भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच पत्थरबाजी होती रही है, लेकिन बात इतनी कभी नहीं बढ़ी। हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान आया है कि वह मामले को शांति से सुलझाना चाहते हैं।

दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी गलवान घाटी में ही मीटिंग कर तनाव को दूर करने की कोशिश में लगे हैं। गलवान घाटी भारत के लिए बहुत अहम है और चीन इस बात को समझता है, तभी वह यहां से पीछे हटने को राजी नहीं हो रहा। इस बीच खबर है कि सैनिकों को अब आदेश है कि अगर सामने से गोली चलती है तो फायरबैक कर सकते हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि कोर कमांडर्स के बीच हुई, बैठक में कोई राय नहीं बन पाई थी। हालांकि पहले यह कहा जा रहा था कि बैठक बहुत अच्छी रही है और जल्द ही विवाद का अंत हो सकता है।

पैंगोंग लेक पर भी तनाव
पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर में चीन ने फिंगर 8 से 4 के बीच 50 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा भूमि पर कब्जा कर रखा है। चीन ने फिंगर 4 के बेस के पास कैंप लगाए हैं। इसके आगे भारत की पेट्रोलिंग टीम को नहीं जाने दिया जा रहा, जबकि फिंगर 8 तक भारत का इलाका है। चीन फिंगर 4 तक ही भारत की सीमा मानता है। मई के पहले हफ्ते मे शुरू हुए तनाव को दूर करने के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर ताजा घटना के बाद तनाव बढ़ता नजर आ रहा है।

पूरे विवाद पर भारत का रुख है साफ
पूर्व लद्दाख में जारी गतिरोध पर भारत का स्टैंड साफ है कि तनाव तभी खत्म होगा जब चीन अपने सैनिकों को लेकर बॉर्डर के नजदीकी इलाकों से हट जाएगा। चीन ने भारतीय इलाके के नजदीक आर्टिलरी और टैंक रेजिमेंट्स तैनात कर रखी हैं। इनके वापस गए बिना भारत तनाव को खत्म नहीं मानेगा। चीन को जवाब देने के लिए भारत ने भी उतने ही सैनिक, उतना ही गोला-बारूद जुटा लिया है।

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