वित्तीय वर्ष 2020 के अंतिम तिमाही में कुल आय 10,492 करोड़ से 5,198 करोड़ तक गिर गई
भोपाल. कोरोना वायरस के संक्रमण का असर भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) जैसी महारत्न कंपनी को भी भारी पड़ा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 की समाप्ति के मात्र सात दिन पहले देश भर में लॉकडाउन किया गया था, जिसके कारण कारखाने में कामकाज बंद हो गया था। भेल को मार्च में समाप्त हुई अंतिम तिमाही में 1534 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा है। शनिवार को जारी रिपोर्ट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2019 की अंतिम तिमाही के 676 करोड़ के शुद्ध लाभ की तुलना में बीते मार्च में समाप्त तिमाही में 1,534 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2020 के अंतिम तिमाही में कुल आय 10,492 करोड़ से 5,198 करोड़ तक गिर गई। कुल खर्च भी इसी अवधि में 9,217 करोड़ से घटकर 5,906 करोड़ हो गया। इस संबंध में बीएचईएल ने कहा है कि विनिर्माण सुविधाएं और साइट निष्पादन 23 से 31 मार्च तक निष्क्रिय थे। ऐसा विश्व स्तर पर कोरोना वायरस के कारण किए गए लॉकडाउन से काम काज प्रभावित रहा।
बता दें कि भेल का टर्नओवर 20491 बताया गया है, इसमें भी 30 फीसदी की गिरावट आई है। यह कंपनी का बड़ा नुकसान है। भेल के चौथे क्वाटर में कंपनी ज्यादा नुकसान होना बता रही है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष के तीन क्वाटर मेें बेहतर स्थिति होने का दावा कर रही है।
गौरतलब है कि कंपनी वित्तीय वर्ष 2012 में 50 हजार करोड़ टर्नओवर और 15 हजार करोड़ का प्राफिट कमा चुकी है।
इसके बाद से कंपनी का लगातार डाउनफाल चल रहा है। हलांकि पूर्व चेयरमैन अतुल सोबती के कार्यकाल में भी कंपनी ने उछाल भरी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते कंपनी को इतना घाटा होगा इसे किसी ने सोचा भी नहीं था। क्योंकि वित्तीय वर्ष 2019-20 के आखिरी माह मार्च की समाप्ति में मात्र सात दिन बाकी थे। गौरतलब है कि कंपनी वित्तीय वर्ष 2012 में 50 हजार करोड़ टर्नओवर और 15 हजार करोड़ का प्राफिट कमा चुकी है।