खेल

विरोधी टीमों में डर पैदा करना था मकसद, 2012 से खेल में किया बदलाव: कोहली

 
नई दिल्ली 

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि विपक्षी टीम की निगाहों में उनके प्रति भय और सम्मान के अभाव से वह अपने काम करने के तरीके को बदलने के लिए बाधित हुए और ‘प्रभावी खिलाड़ी’ बनने में सफल हुए. एमी पुरस्कार विजेता पत्रकार ग्राहम बेनसिंगर ने भारत के सबसे लोकप्रिय और सक्रिय खिलाड़ी का साक्षात्कार लिया जिसमें कोहली ने अपनी फिटनेस के बारे में बात की.

कोहली ने स्पोर्ट्स वेब-शो ‘इन डेप्थ विद ग्राहम बेनसिंगर’ में बताया कि कैसे उन्होंने 2012 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे से वापसी के बाद अपनी फिटनेस पर काम किया जिससे उनके खेल में सुधार हुआ. कोहली ने इसमें कहा, ‘ऐसा भी समय था जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरता था तो विपक्षी खेमे में मेरे प्रति कोई भय या सम्मान नहीं होता था.’

कोहली ने कहा, ‘मैं मैदान में ऐसे नहीं जाना चाहता कि विपक्षी टीम सोचे कि यह खिलाड़ी इतना खतरनाक नहीं है. मैं सिर्फ कोई अन्य खिलाड़ी नहीं बनना चाहता था क्योंकि मैं प्रभाव डालना चाहता था.’ उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता था कि जब मैं चलूं तो टीमों को सोचना चाहिए कि हमें इस खिलाड़ी को आउट करना चाहिए वर्ना हम मैच गंवा देंगे.’

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