मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना : सरकार ने जमा की 326 करोड़ 69 लाख रुपए फीस की राशि
भोपाल. मेधावी विद्यार्थियों की पढ़ाई में आने वाले आर्थिक संकट को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शैक्षणिक सत्र 2017-18 में शुरू की गई मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना का लाभ लेकर लगभग 1 लाख 52 हजार विद्यार्थी डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, आर्किटेक्ट, बिजनेस मैनेजर आदि बनने की दहलीज पर हैं।
गत तीन शैक्षणिक सत्र में एक लाख 52 हजार 278 विद्यार्थियों की 326 करोड़ 69 लाख 85 हजार रुपए की ट्यूशन फीस सरकार द्वारा जमा करवाई गयी है। मेधावी विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए पूरी ट्यूशन फीस देने की यह योजना देश में पहली बार केवल मध्यप्रदेश में लागू की गयी है। यह ऐसी योजना है, जिसमें सभी वर्ग के विद्यार्थियों को मेरिट के आधार पर लाभ मिलता है।
योजना में आई.आई.एम. के 22 विद्यार्थियों को 88 लाख 66 हजार 671, मध्यप्रदेश स्थित आई.आई.टी., एन.आई.टी., आई.आई.आई.टी., आई.आई.एस.ई.आर., एन.आई.एफ.टी., एस.पी.ए. के 325 विद्यार्थियों को 4 करोड़ 36 लाख 59 हजार 993 रुपए, मध्यप्रदेश के बाहर के आई.आई.टी., एन.आई.टी., आई.आई.आई.टी., आई.आई.एस.ई.आर., एन.आई.एफ.टी., एस.पी.ए. के 1374 विद्यार्थियों को 12 करोड़ 23 लाख एक हजार 701 रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
मेडिकल (नीट) के 2832 विद्यार्थियों को 187 करोड़
इसी तरह मेडिकल (नीट) के 2832 विद्यार्थियों को 187 करोड़ 41 हजार 460 रुपए, तकनीकी शिक्षा के 3329 विद्यार्थियों को 21 करोड़ 13 लाख 36 हजार 892 रुपए, क्लैट- एन.एल.आई.यू. के 328 विद्यार्थियों को 5 करोड़ 74 लाख 10 हजार 534 रुपए, जे.ई.ई. रैंक के आधार पर मध्यप्रदेश के बाहर के प्राइवेट कॉलेजों के 251 विद्यार्थियों को 3 करोड़ 59 लाख 70 हजार 724 रुपए, उच्च शिक्षा में एक लाख 38 हजार 790 विद्यार्थियों को 73 करोड़ 38 लाख 79 हजार 774 और अन्य पाठ्यक्रमों के 5027 विद्यार्थियों को 18 करोड़ 35 लाख 17 हजार 358 रुपए की ट्यूशन फीस का भुगतान सरकार द्वारा किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में मध्यप्रदेश के मूलनिवासी विद्यार्थियों को, जिन्होंने माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल से 12वीं की परीक्षा में 70 प्रतिशत अथवा सीबीएसई/आईएससीएसआई की 12वीं की परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंकों से उत्तीर्ण की हो, को लाभ मिलता है। विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 6 लाख रुपए से कम होना चाहिए। इन विद्यार्थियों की पूरी ट्यूशन फीस शासन द्वारा जमा की जाती है।