मध्य प्रदेश

दूसरे प्रदेशों के मजदूर हमारे अतिथि, न इन्हें पैदल चलने देंगे न भूखे सोने देंगे

हादसे में मृतक मजदूर के परिवार को मुख्यमंत्री ने दी 14 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, दूसरे राज्यों के मजदूरों को भी देंगे आर्थिक सहायता

भोपाल. कोरोना वायरस के चलते देश भर में चल रहे लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों में काम करने गए लोग उद्योग धंधे और निर्माण कार्य बंद होने से रोजगार के अवसर छिन गए हैं। इससे श्रमिकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में लोग किसी भी हालत में लोग अपने-अपने गांव पहुंचना चाहते हैं।

देश भर में ट्रेन, बसों सहित अन्य आवागमन के साधन बंद होने के कारण लोग मजबूरी में पैदल ही घरों की ओर निकल पड़े हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में श्रमिक घर पहुंचने के पहले ही दम तोड़ चुके हैं। कुछ लोगों को राज्य सरकारें ट्रेन, बसों सहित विभिन्न संसाधनों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचवा चुके हैं।

गौरतलब है कि बीते दिनों बड़वानी जिले के नेवाली ब्लॉक के एक मजदूर परिवार में पति-पत्नी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। श्रमिक अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों के साथ बाइक से घर वापस लौट रहे थे, तभी सेंधवा बार्डर के पास एक ट्रॉले ने उनको टक्कर मार दी, जिससे पति-पत्नी की मृत्यु हो गई।

मुख्यमंत्री ने दी आर्थिक सहायता
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मृत परिवार के बच्चों को कुल 14 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है। उन्होंने दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही कहा है कि हम उन मासूम बच्चों के संरक्षक हैं, तथा उनका पूरा ध्यान रखेंगे। दिए जाने वाली राशि में से एक लाख रुपए बच्चों की तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए तथा 13 लाख की एफडी उनके भविष्य की आवश्यकताओं के लिए रहेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बच्चों के चाचा राजेश से भी दूरभाष पर चर्चा कर बच्चों की समुचित देखभाल करने के लिए कहा।

एक-एक मजदूर को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के एक-एक मजदूर को प्रदेश वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके लिए बड़ी संख्या में ट्रेन एवं बसें चलाई जा रही हैं तथा उन्हें घर तक पहुंचाया जा रहा है। कोई भी मजदूर जल्दी न करे, पैदल न चले, हम हर मजदूर को शीघ्र ही उसके घर पहुंचाएंगे।

बाहर के मजदूर हमारे अतिथि
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बाहर के प्रदेशों के भी मजदूर बड़ी संख्या में हैं। मध्यप्रदेश देश का हृदय स्थल होने से विभिन्न प्रांतों के मजदूर अपने राज्य में लौटने के लिए मध्यप्रदेश से होकर गुजरते हैं। ये सब मजदूर हमारे अतिथि हैं। हम इन्हें पैदल नहीं चलने देंगे और भूखा भी नहीं सोने देंगे। हमने इन मजदूरों को राज्य की सीमा तक पहुंचाने के लिए लगभग एक हजार बसें रोज चलाई हैं, जो इन्हें वहां तक छोड़ रही हैं। सबके भोजन, नाश्ते आदि की भी व्यवस्था की गयी है। इस कार्य में प्रशासन के साथ जनता भी पूरा सहयोग कर रही है।

मृत्यु पर एक लाख, घायल होने पर 25 हजार की सहायता
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि दूसरे प्रदेशों के मजदूरों की भी कुछ दुर्घटनाओं में मृत्यु हुई है। इन सभी मजदूरों के परिवारों को एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि मध्यप्रदेश सरकार देगी। घायलों का नि:शुल्क इलाज किए जाने के साथ ही उन्हें 25-25 हजार रुपए की सहायता राशि भी सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। हर मजदूर की हम भरसक मदद करेंगे।

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