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आपके फैसलों से गरीबों, किसानों और छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी: प्रधानमंत्री

आरबीआई गवर्नर ने रिवर्स रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती समेत कई घोषणाएं कर चुके हैं

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी

नई दिल्ली. कोरोना वायरस संकट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा की गई घोषणाओं की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है। मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘आरबीआई द्वारा की गई घोषणाओं से लिक्विडिटी में वृद्धि होगी और के्रडिट आपूर्ति में सुधार होगा। इन कदमों से हमारे छोटे व्यवसाई, एमएसएमई, किसानों और गरीबों को मदद मिलेगी। यह डब्ल्यूएमए की सीमा बढ़ाकर सभी राज्यों की मदद भी करेगा।’

वित्त मंत्री ने पीएम से मुलाकात की थी
बीते गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। इसमें दोनों ने वित्तीय संकट से उबरने के लिए लॉकडाउन के बाद आर्थिक सुधार को लेकर चर्चा की थी। इसी क्रम में शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों को राहत देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें कोविड-19 महामारी के चलते पेश आ रही वित्तीय कठिनाइयों के चलते लाभांश भुगतान से छूट मिलनी चाहिए। दास ने वित्तीय क्षेत्र पर बढ़ रहे दबाव को कम करने की दिशा में कई ऐलान किया था।

आरबीआई गवर्नर ने किए यह ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई घोषणाएं की थीं। उन्होंने रिवर्स रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती की। हालांकि सीआरआर और रेपो रेट में कौई कटौती नहीं की गई है। आरबीआई ने टार्गेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन के तहत एमएफआई और एनबीएफसी को 50 हजार करोड़ की मदद का ऐलान किया है। बैंकों को राहत देने के लिए रिवर्स रेपो रेट को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.75 प्रतिशत किया गया है, जबकि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके साथ ही, नाबार्ड, सिडबी और नेशनल हाउसिंग बोर्ड (एनएचबी) को 50 हजार करोड़ रुपए की मदद देने की घोषणा की गई है। राज्यों की डब्ल्यूएमए सीमा 60 प्रतिशत बढ़ा दी गई है। बढ़ी हुई यह सीमा 30 सितंबर तक के लिए रहेगी। इससे पहले आरबीआई ने 27 मार्च को मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में रेपो रेट में एक साथ 0.75 फीसदी की कटौती की थी।

आरबीआई के अहम फैसले
केंद्रीय बैंक ने राज्यों के डब्ल्यूएमए लिमिट में 60 फीसदी की बढ़ोतरी की।
आरबीआई ने एनपीए नियमो में बैंकों को 90 दिन की राहत दी।
मोराटोरिमय की अवधि को एनपीए में नहीं गिना जाएगा।
बैंक अगले निर्देश तक अपने मुनाफे से डिविडेंड नहीं देंगे।
सिडबी को 15 हजार करोड़, एनएचबी को 10 हजार करोड़ और नाबार्ड को 25 हजार करोड़ मिलेंगे।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि सेक्टर्स को नकदी मिलने के एक महीने के भीतर निवेश करना होगा।
रिवर्स रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई, यह 4 प्रतिशत से घटकर 3.75 प्रतिशत हुआ।
कामर्शियल रियल्टी प्रोजेक्ट लोन को एक साल का एक्सटेंशन मिला।
आरबीआई ने 2021-22 में 7.4 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया।
सिस्टम में लिक्वडिटी को मेंटेन किया जाए।
बैंक के्रडिट फ्लो को फैसिलिटेट और बढ़ाया जाए।
फाइनेंशियल दवाब को कम करने पर जोर।
मार्केट्स में फॉर्मल वर्किंग शुरू हो सके।
फाइनेंशियल सिस्टम पर है केंद्रीय बैंक की नजर

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