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राष्ट्रीय आपदा के वक्त भी देश में हावी है राजनीति, कोई पार्टी पीछे नहीं

नई दिल्ली
चीन, ईरान, इटली और अमेरिका में जानलेवा बना कोरोना वायरस अब भारत को भी अपनी जद में ले रहा है. केरल में शुरुआती मामलों पर नियंत्रण के बाद अब हालात चिंताजनक स्थिति में पहुंच रहे हैं. कोरोना से दो लोगों की मौत हो चुकी है और कुल 100 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ गए हैं. WHO ने कोरोना को पूरी दुनिया के लिए महामारी घोषित कर दिया है तो भारत में इसे राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में रखा गया है. इस सबके बीच केंद्र से लेकर राज्य सरकारें जहां तैयारियों के दावे कर रही हैं, वहीं हालात नाजुक होने के बावजूद सियासत भी अपने चरम पर है.

एक तरफ जहां कोरोना चीन में तबाही मचा रहा था, वहीं दूसरी तरफ 30 जनवरी को केरल के जरिए कोरोना भारत में दाखिल हो चुका था. तीन लोगों में संक्रमण की पुष्टि के बाद 3 फरवरी को राज्य में इमरजेंसी घोषित कर दी गई. केरल सरकार के ये कदम हालात की संवेदनशीलता बताने के लिए काफी थे. बाद में ये तीनों ही मरीज ठीक हो गए.

लेकिन अब हालात नाजुक हो गए हैं. देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. रविवार (15 मार्च) दोपहर तक यह आंकड़ा 105 पहुंच गया. इनमें 11 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि दो लोगों की मौत हो चुकी है. हालात ऐसे हो गए हैं कि कई राज्यों को कोरोना को महामारी घोषित करना पड़ा है, और तो और जम्मू-कश्मीर के कुछ जिलों में धारा 144 लागू की गई है.

इन तमाम एहतियाती कदमों के बावजूद एक तरफ जहां कोरोना वायरस पैर पसार रहा है तो वहीं देश का सियासी घटनाक्रम भी गरमाया हुआ है. सरकारें भीड़ से दूर रहने के विज्ञापन दे रही हैं, लेकिन सत्ता की बागडोर संभालने वाले राजनेता भीड़ से अपना मोह त्याग नहीं पा रहे हैं. उनका सियासी जोड़-तोड़ का खेल कोरोना वायरस की परवाह किए बिना जारी है.

दिल्ली में कोरोना से एक मौत हो चुकी है, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शायद इससे बेपरवाह हैं. एनपीआर और एनआरसी पर चर्चा के लिए उन्होंने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में विशेष सत्र बुलवा लिया. सत्र में शामिल होने के लिए सभी विधायक आए. विधानसभा में एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास हुआ.

ज्यातिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश की सियासत बदल गई है. कांग्रेस की कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है. सिंधिया ने होली के मौके पर कांग्रेस से इस्तीफा देकर दो दिन बाद बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद जब वो भोपाल पहुंचे तो बीजेपी कार्यकर्ताओं और सिंधिया समर्थकों के भारी हुजूम ने उनका स्वागत किया. यानी एयरपोर्ट से लेकर सड़क और बीजेपी पार्टी मुख्यालय तक भारी भीड़ देखी गई. दूसरी तरफ बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के विधायक ट्रैवल कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रपति तक ने कोरोना वायरस के चलते अपना होली मिलन समारोह रद्द कर दिया था. लेकिन कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया जब गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे तो गले मिलते नजर आए. दिलचस्प बात ये है कि पूरी दुनिया जहां नमस्ते बोलकर एक-दूसरे का अभिवादन कर रही है, वहीं सिंधिया शाह के हाथों में हाथ लिए दिखाई दिए.

राज्यसभा चुनाव के लिए सिंधिया के नामांकन के दौरान भी समर्थकों को पूरा हूजूम दिखा. इनमें मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भोपाल की बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर विक्टरी साइन के साथ दिखीं.

होली से दूर रहने वाले पीएम मोदी भी राज्यसभा चुनाव की गतिविधियों से खुद को अलग नहीं रख सके. राज्यसभा उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा के लिए बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पीएम मोदी समेत गृहमंत्री अमित शाह ने हिस्सा लिया.अमित शाह 15 मार्च रविवार को भी कश्मीर के नेताओं मिलकर मीटिंग कर रहे हैं.

दूसरी तरफ राज्यसभा चुनाव को लेकर भी पूरी सियासत चल रही है. हॉस्पिटल और डॉक्टर्स जहां कोरोना से निपटने में जुटे हुए हैं, वहीं कांग्रेस से लेकर बीजेपी और दूसरे राजनीतिक दलों तक सब राज्यसभा के नंबर गेम में जुटे हुए हैं.

कांग्रेस समेत दूसरे विपक्ष दल भी भी कोरोना पर चर्चा करने के बजाय सरकार को तेल के दाम और दिल्ली हिंसा पर घेरने में व्यस्त नजर आ रहे हैं. संसद के मौजूदा सत्र में कोरोना पर तो बात हुई, लेकिन भारी हंगामा दिल्ली हिंसा पर देखने को मिला. दूसरी तरफ तरफ संसद के बाद कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे बड़े नेता भी मोदी सरकार को तेल के दाम पर दूसरे मुद्दों पर घेर रहे हैं. हालांकि, कुछ ट्वीट जरूर इन नेताओं की तरफ से किए गए हैं.

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