भोपाल
राज्य सहकारी विपणन संघ पर वर्तमान में एसबीआई द्वारा दी गयी फूड लिमिट की राशि 8 हजार 680 करोड़ रूपये बकाया है, जो उसे वापस करना है। यह राशि राज्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा विपणन संघ को दी जानी है। इसमें पिछले वित्त वर्ष की 384 करोड़ की ब्याज राशि बाकी है। संघ अपना वित्तीय एवं ऋण प्रबंधन सुधारे तथा खाद्य विभाग तत्परता से राशि लौटाने की कार्यवाही करे।
यह निर्देश सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने आज मंत्रालय में संघ की बैठक में दिये। सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस संबंध में संबंधित विभाग एक संक्षेपिका तैयार कर समन्वय बैठक में रखे तथा निर्णय लिया जाये।
इस बार किसानों को जो खाद चाहिए, वो ही मिलेगा
सरकार ने इस बार किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप खाद उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। किसान से एसएमएस से पूछा जाएगा कि वह किस कम्पनी का कौन सा खाद चाहता है। वही खाद उसे विपणन संघ द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से दिलवाया जायेगा। मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि इस बार यूरिया की मांग अधिक है। अत: किसानों को पर्याप्त यूरिया उपलब्ध कराया जायेगा।
परिवहन में कमाए 14 करोड़, घाटा 45 करोड़
डॉ. गोविन्द सिंह ने विपणन संघ की उपार्जन संबंधी परिवहन व्यवस्था सुधारने के भी निर्देश दिये। बताया गया कि गत वर्षों में इस कार्य से संस्था को 14 करोड़ रूपये प्राप्त हुए, जबकि रूपये 45 करोड़ का घाटा हुआ। इसकी वजह है भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की परिवहन दरों में अंतर होना। इस वर्ष भारत सरकार द्वारा परिवहन दर 32 रूपये प्रति क्विंटल तय की गयी थी, जबकि विपणन संघ ने 35 रूपये प्रति क्विंटल (औसत ) दर पर परिवहन कराया। मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि एक ही ठेकेदार को परिवहन का कार्य दिये जाने के स्थान पर अलग-अलग व्यक्तियों को कार्यदिये जाने से कम दर पर बेहतर कार्य कराया जा सकेगा। गत दिनों सेवढ़ा की खरीदी केन्द्र का गेहूँ 18 किलोमीटर दूर के भण्डारण केन्द्र पर (जो खाली था) भिजवाए जाने के स्थान पर 40 किलोमीटर दूर गोहद के भण्डारण केन्द्र पर पहुँचवाया गया। ऐसा नहीं किया जाए, इससे परिवहन की लागत बढ़ती है।
बैठक में ए.सी.एस. प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव सहकारिताअजीत केसरी, सहकारिता आयुक्त एम.के. अग्रवाल, प्रबंध संचालक राज्य विपणन संघ स्वाति मीणा नायक आदि उपस्थित थे।