छपरा
कोरोना वायरस के खौफ में जी रहे बिहार के छपरा में कुछ लोगों ने केन्या के दो धावकों को पकड़ लिया. इन लोगों ने अफवाह उड़ा दी कि ये दोनों कोरोना के मरीज हैं. इसके बाद छपरा बस स्टैंड के पास लोगों ने उन्हें घेर लिया और पुलिस को सौंप दिया. हालांकि इनकी हकीकत कुछ और ही थी.
शनिवार शाम को छपरा के निजी बस स्टैंड के पास उस समय अफरातफरी मच गई जब दो केन्याई नागरिक दिल्ली से छपरा आने वाली बस से उतरकर होटल खाना खाने के लिए जा रहे थे. इन्हें देखकर लोगों ने उन्हें घेर लिया और स्थानीय मुफ्फसिल थाने को सूचना दे दी. कोरोना के दहशत में कुछ लोगों ने ये हल्ला कर दिया कि दोनों कोरोना के मरीज हैं.
कोरोना के खौफ में धावकों को पकड़ा
मौके पर पहुंची पुलिस इन दोनों को छपरा सदर अस्पताल ले गई. सारण के सिविल सर्जन माधवेश्वर झा ने कहा कि पब्लिक ने दशहत में आकर इन दोनों को देखकर कोरोना पीड़ित समझ लिया. डॉक्टर ने कहा कि इनकी हिस्ट्री में कोरोना का कोई भी लक्षण नही दिख रहा है. सदर अस्पताल के चिकित्सकों दोनों युवकों को खाना मंगाकर खिलाया.
सिविल सर्जन ने उनसे खुद बात की और उनके बारे में जानकारी ली. डॉक्टरों ने कहा कि इनके अंदर कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिले. डॉक्टरों की पूछताछ से संतुष्ट होने के बाद पुलिस ने भी उन्हें छोड़ दिया.
हाफ मैराथन में भाग लेने आए थे एथलीट
केन्याई नागरिकों ने बताया कि वे रविवार को छपरा में होने वाले हाफ मैराथन में भाग लेने के लिए यहां आए थे. इसके लिए इन दोनों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था, ये दोनों विगत 7 फरवरी को भारत आए थे.
कोरोना की वजह से स्थगित हुई दौड़
केन्या के दोनों नागरिक यहां के लोगों के रवैये से नाराज दिखे. किपकिरुई किपसांग नाम के धावक ने कहा कि वे लोग छपरा हाफ मैराथन में दौड़ने के लिए यहां आए थे. यहां पहुंचने पर मालूम हुआ कि कोरोना के कारण दौड़ स्थगित हो गई है, इसके बाद वे वापस जाना चाह रहे थे. तभी लोगों ने उन्हें पकड़ लिया.
(छपरा से आलोक जायसवाल की रिपोर्ट)