भोपाल
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधानसभा पटल पर बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं. इसी के साथ राज्य में सियासी सरगर्मी एक बार फिर से बढ़ गई है. लगभग आधी रात को राजभवन से इस बावत एक पत्र राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ को भेजा गया.
राजभवन से सीएम को जारी किए गए पत्र के मुताबिक राज्यपाल ने सीएम को कहा कि मध्य प्रदेश की हाल की घटनाओं से उन्हें प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि उनकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और ये सरकार अब अल्पमत में है. राज्यपाल ने कहा है कि ये स्थिति अत्यंत गंभीर है और सीएम कमलनाथ 16 मार्च को सदन में बहुमत साबित करें. वहीं खबर है कि कांग्रेस राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है.
आधी रात आई राज्यपाल की चिट्ठी
इस चिट्ठी में राज्यपाल लालजी टंडन ने एमपी के हाल के राजनीतिक घटनाक्रम का पूरा ब्यौरा दिया है और सीएम कमलनाथ को सदन में विश्वासमत हासिल करने को कहा है. राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है, " मुझे जानकारी मिली है कि 22 विधायकों ने मध्य प्रदेश विधानसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया को भी इसकी जानकारी दी है. मैंने इस बावत मीडिया कवरेज को भी देखा है."
अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास मत पर वोटिंग
राज्यपाल ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 174 और 175 (2) में वर्णित संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए वे निर्देश देते हैं कि एमपी की विधानसभा का सत्र 16 मार्च को उनके अभिभाषण के साथ शुरू होगा. राज्यपाल ने स्पष्ट कहा है कि उनके अभिभाषण के तत्काल बाद सदन में जो एकमात्र काम होगा वो विश्वास मत पर मतदान होगा."
मत विभाजन के आधार पर होगा विश्वास मत
राज्यपाल लालजी टंडन ने यह भी निर्देश दिया है कि विश्वास मत वोट के बंटवारे के आधार पर बटन दबाकर होगा और इस पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग विधानसभा द्वारा स्वतंत्र व्यक्तियों से कराई जाएगी.
न स्थगन, न निलंबन, हर हाल में हो विश्वास मत
राज्यपाल ने कहा है कि उपरोक्त कार्यवाही को हर हाल में 16 मार्च 2020 को ही पूरा किया जाएगा. इस दौरान न स्थगन होगा, न विलंब और न ही ये प्रक्रिया निलंबित की जाएगी.
अल्पमत में है आपकी सरकार
राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम को लिखा है कि उन्होंने भी अपने 13 तारीख के पत्र में विश्वास मत हासिल करने पर सहमति दे दी है. उन्होंने कहा है कि विधानसभा के विपक्षी दल बीजेपी ने एक ज्ञापन दिया है और ताजा घटनाक्रम का उल्लेख किया है. राज्यपाल ने कहा कि बीजेपी ने यह भी बताया है कि राज्य सरकार द्वारा त्यागपत्र देने वाले एंव अन्य सदस्यों पर अवांछित दबाव बनाया जा रहा है.
राज्यपाल ने आगे पत्र में लिखा, "मुझे प्रथम दृष्टया विश्वास हो गया है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है, यह स्थिति अत्यंत गंभीर है, इसलिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्वयक हो गया है कि दिनांक 16 मार्च 2020 को मेरे अभिभाषण के तत्काल बाद आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें."
22 विधायकों ने दिए हैं इस्तीफे
राज्य में बीते एक सप्ताह से सियासी खलबली मची हुई है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायक बेंगलुरु में हैं. इनमें 6 मंत्री भी थे. इन सभी 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इनमें से छह विधायक जो राज्य में मंत्री थे उनके इस्तीफे को विधानसभाध्यक्ष एन पी प्रजापति ने मंजूर कर लिया है. बता दें कि मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक इस वक्त जयपुर में हैं. ये सभी विधायक आज जयपुर से भोपाल के लिए रवाना होंगे.