छत्तीसगढ़

आश्रम-छात्रावासों के बच्चों के बाहर आने-जाने पर रोक, बाहर का कोई व्यक्ति भी नहीं जा सकेगा अंदर

कोरबा
कोरबा जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये आश्रम-छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की हॉस्टल से बाहर आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। विद्यार्थियों के हॉस्टलों में न ही कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश कर सकेगा, न ही विद्यार्थी घूमने-फिरने के लिये बाहर जा सकेंगे। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज जिला पंचायत सभाकक्ष में जिले के सभी आश्रम-छात्रावासों के अधीक्षकों की बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये हर सम्भव इंतजाम करने और सावधानी बरतने के निर्देश दिये हैं। श्रीमती कौशल से सख्त निर्देश दिया कि आश्रम-छात्रावासों में बच्चों से मिलने आने वाले पालकों और बाहरी लोगों को हॉस्टलों के अंदर प्रवेश न दिया जाये। संबंधित विद्यार्थी को ही परिसर में निश्चित समय के लिये पूरी सावधानी बरतते हुये मिलने दिया जाये। उन्होंने किसी भी बच्चे को सर्दी, खांसी जैसी बीमारी होने पर तत्काल डॉक्टरी ईलाज कराने और अस्पताल ले जाने के निर्देश सभी अधीक्षकों को दिये। इस बैठक में आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री एन.के. दीक्षित भी मौजूद रहे।

कलेक्टर ने बैठक में आश्रम-छात्रावासों में निवास करने वाले बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये विटामिन-सी का एक खुराक दिलवाने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने आश्रम-छात्रावासों मंे साफ-सफाई रखने, बच्चों को कोरोना से बचाव के तरीके बताने और बार-बार हाथ धोने की आदत डलवाने के निर्देश भी दिये।
जिले के पच्चीस हॉस्टल बनेंगे मॉडलः- कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के उद्देश्य से कोरबा जिले के पॉंचों विकासखण्डांे में प्रत्येक में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पॉंच मॉडल हॉस्टल का निर्माण करने के निर्देश दिये। इन मॉडल हॉस्टलों में आधुनिक लाइब्रेरी, अध्ययन सामग्री, कम्प्यूटर कक्ष, ग्रुप स्टडी कक्ष, हॉबी क्लब आदि भी बनेंगे। जिससे बच्चों के शैक्षणिक विकास के साथ शारीरिक और मानसिक विकास भी हो सके।

स्व सहायता समूह से खरीदी जायेगी छात्रावासों की राशन सामग्रीः- कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कहा कि छात्रावास-आश्रमों में उपयोग होने वाली राशन सामग्री जैसे दाल, सब्जी, हल्दी, मिर्ची, धनिया, मच्छर अगरबत्ती, साबुन तथा अण्डे की खरीदी स्थानीय तथा निकटतम स्व सहायता समूहों से किया जाना सुनिश्चित की जाये। जिससे ग्रामीणों, महिलाओं को स्व रोजगार के माध्यम से उत्पादित उत्पाद को बाजार प्रदान हो सके और छात्रावास-आश्रमों को सामान सुलभ तरीके से उपलब्ध हो सके।

छात्रावास परिसर में बनाया जायेगा किचन-गार्डनः- कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कहा कि हर छात्रावास-आश्रम परिसरांे में खाली जमीन पर किचन-गार्डन विकसित किया जायेगा। किचन गार्डन में हॉस्टल में उपयोग के लिये सब्जियों आदि का उत्पादन करने के साथ-साथ विद्यार्थियों को पोषण, स्वास्थ्य एवं शारीरिक विकास के लिये भी प्रेरित किया जा सकेगा। कलेक्टर ने हॉस्टल के परिसरों में पंचवृक्ष- मुनगा, पपीता, आम, नीबू, आंवला के दो-दो पौधे रोपने के भी निर्देश दिये और इन पौधों की देखभाल तथा इन्हें जीवित रखने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी अधीक्षकों को दी।

छात्रावासों में मेधावी छात्रों का होगा चिन्हांकनः- कलेक्टर ने छात्रावास-आश्रमों के मेधावी छात्रों का चिन्हांकन करने के निर्देश भी दिये हैं। इन मेधावी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं सहित विशेष कोचिंग के माध्यम से स्कूली परीक्षाओं के लिये तैयार किया जायेगा। कलेक्टर ने निर्देश दिया कि सभी छात्रावासों में छात्रों के क्रियाकलापों की समय-सारणी अनिवार्य रूप से बने जिसमें छात्रों के सोने, जागने, खाने, खेलने, अध्ययन तथा अन्य दैनिक दिनचर्याें का समय निर्धारित हो। यह समय-सारणी सभी छात्रावास-आश्रमों में लिखित रूप में चस्पा रहे एवं एक समान रूप से लागू हो। श्रीमती कौशल ने माह में एक बार पालक-शिक्षक-अधीक्षक की संयुक्त बैठक छात्रावास परिसर में कराने के भी निर्देश दिये। जिससे छात्रों की शिक्षा के साथ सर्वांगीण विकास करने में मदद मिल सके।

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