पुणे
कोरोना वायरस के खौफ और चिकन के सेवन से इसके फैलने की अफवाहों की वजह से महाराष्ट्र के पुणे जिले में मुर्गीपालन करने वाले 10 रुपये में जिंदा मुर्गे बेच रहे हैं। किसानों ने बताया कि उन्हें बिजनस में 100 प्रतिशत का घाटा हो रहा है।
महाराष्ट्र में पोल्ट्री इंडस्ट्री को 700 करोड़ का नुकसान
किसानों का कहना है कि महामारी के खौफ की वजह से डिमांड एकदम ठप्प पड़ा हुआ है। कुछ हफ्ते पहले 80 से 90 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा मुर्गा अभी 10 रुपये में बिक रहा है। पोल्ट्री फार्मर्स असोसिएशन के मुताबिक पूरे राज्य में करीब 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। चिकन को ज्यादा समय तक रख भी नहीं सकते, इसलिए बेहद कम दाम पर बेचने की मजबूरी है।
अंबेगांव, खेड, शिरूर और मानचर में करीब 600 रजिस्टर्ड पोल्ट्री फार्म चलाने वाले उजरा पोल्ट्री फार्म के मालिक प्रमोद हिंजे ने बताया, 'मार्केट में चिकन की कोई डिमांड नहीं होने की वजह से पिछले कुछ हफ्तों में मुझे लगभग 10 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। हम चिकन को गाड़ियों में लोड कर उन्हें बेहद कम दाम में गांवों में बेच रहे हैं।'
कोरोना को बर्ड फ्लू से जोड़कर देख रहे लोग
इंडियन मेडिकल असोसिएशन और एनिमल हज़बैंड्री विभाग यह स्पष्ट कर चुका है कि कोरोना वायरस का चिकन के साथ कोई संबंध नहीं है। पोल्ट्री संगठन के अध्यक्ष वसंत शेट्टी ने बताया, 'लोग कोरोना को बर्ड फ्लू से जोड़कर देख रहे हैं। उन्हें लगता है कि कोरोना भी चिकन से फैल रहा है। हम लोगों तक पहुंचकर उन्हें समझा रहे हैं।' उन्होंने साथ ही सरकार से भी नुकसान की भरपाई करने की अपील की है।