वॉशिंगटन
कोरोना वायरस के कहर के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने अमेरिका में नैशनल इमर्जेंसी की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर अपने संबोधन में कहा कि राज्यों को इस महामारी से निपटने के लिए 50 अरब डॉलर दिए जाएंगे। उन्होंने अमेरिका में आपातकाल की घोषण कर दी है। उनके सलाहकारों और जानकारों ने कहा था कि अगर समय पर कोरोना को रोकने के प्रयास नहीं किए गए तो इससे 15 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि आने वाले दिनों में हमें कुछ बलिदान करना होगा लेकन कुछ समय का यह त्याग बाद में फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने कहा कि अगल आठ सप्ताह कठिन हैं। अमेरिका में अब तक 1100 से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं और 40 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में अमेरिका जैसे विकसित और सुविधा संपन्न देश के लिए भी यह वायरस बड़ी चुनौती बन गया है। इससे पहले स्पेन ने भी देश में आपातकाल घोषित कर दिया है।
वाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ट्रंप ने कहा, 'मैं आधिकारिक रूप से देश में इमर्जेंसी की घोषणा करता हूं।' ट्रंप ने अपने अधिकारियों की प्रशंसा भी की और कहा कि वे इस खतरनाक वायरस से लड़ रहे हैं। नैशनल इमर्जेंसी ऐक्ट के तहत प्रावधान है कि ऐसे स्वास्थ्य विभाग बजट की बड़ी रकम इलाज में और बीमारी की रोकथाम में खर्च कर सकता है। अब तक दुनियाभर में इस वायरस से 135,000 लोग संक्रमित हैं और 4900 लोग जान गंवा चुके हैं।
पिछले सप्ताह ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारो के सूचना प्रमुख से मिलने के बाद कहा जा रहा था कि ट्रम्प की भी ठीक से जांच होनी चाहिए क्योंकि बोलसोनारो के सहयोगी बाद में कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। बोलसोनारो के प्रेस सेक्रटरी ने ट्रम्प से हाथ भी मिलाया था।